राज्य सरकार पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत का लाभ उठाएगी। शुक्रवार को विधानसभा में झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक लाने की तैयारी है, जिसके अनुसार झारखंड में उपलब्ध तमाम खनिजों के उत्पादन के आधार पर राज्य सरकार कर वसूलेगी।
कोयला और लोहा पर सौ रुपये प्रति टन वसूलने की तैयारी है तो बाक्साइट पर 70 रुपये प्रति टन वसूलने का प्रस्ताव तैयार हुआ है। इसी प्रकार चूना पत्थर पर 50 रुपये प्रतिटन तो मैगनीज पर भी इसी दर से की वसूली होगी, जबकि अन्य खनिजों के संदर्भ में प्रति टन निर्धारित रायल्टी का 50 प्रतिशत राज्य सरकार वसूलेगी।
कहां खर्च होगी टैक्स से मिली राशि?
इस राशि से राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा सेवाएं, कृषि, ग्रामीण आधारभूत संरचना, पेयजल एवं स्वच्छता के साथ-साथ अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राशि का प्रबंध कर सकेगी।
सरकार को होगा कई सौ करोड़ का लाभ
सूत्रों के अनुसार इस राशि की वसूली से राज्य सरकार के खाते कई सौ करोड़ रुपये का इजाफा होगा। राशि का वास्तविक आकलन नहीं किया जा सका है। शुक्रवार को राज्य सरकार झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक लाएगी। विधेयक के तहत सरकार को तमाम खनिजों पर कर लगाने का अधिकार मिल गया है।
इसके अनुसार कोयला, लोहा, मैगनीज, चूना पत्थर आदि तमाम खनिजों पर टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली गई है। पूर्व में राज्यों को खनिजों पर कर लगाने का अधिकार नहीं था। इसके खिलाफ अपील की गई थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को भी अधिकार दिए जाने की बात कही है। झारखंड में जितने खनिजों का उत्पादन होता है, उसी प्रकार से करों की वसूली होगी।