जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) भारतीय क्रिकेट के लिए किसी आशीर्वाद से कम नहीं हैं. बुमराह ने टीम इंडिया को 2024 का टी20 वर्ल्ड जिताने में अहम योगदान दिया था. टी20 वर्ल्ड कप जीतने बाद हुए सम्मान समारोह में विराट कोहली ने जसप्रीत बुमराह को पीढ़ी में आने वाले गेंदबाजों में से एक बताया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जसप्रीत बुमराह की खोज कैसे हुई और किस तरह वह टीम इंडिया तक पहुंचे? आइए जानते हैं पूरी कहानी.
बुमराह के लिए 2013 का साल बहुत खास रहा. इसी साल बुमराह ने आईपीएल डेब्यू किया था, जिसके बाद उनकी किस्मत बदली. लेकिन आईपीएल से पहले बुमराह के लिए 2013 की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी बहुत अहम रही थी, जिसकी बदौल उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिली. बुमराह गुजरात के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हैं. अगर 11 साल पहले गुजरात के सिलेक्टर्स ने बुमराह को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नहीं चुना होता, तो शायद आज वह टीम इंडिया में नहीं होते.
बुमराह ने क्रिकेट छोड़ने का कर लिया था फैसला
2013 से पहले बुमराह ने ज्यादा प्रगति नहीं होने के कारण क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था. वह क्रिकेट छोड़कर कनाडा जाने के बारे में सोचने लगे थे. लेकिन इसी बीच बुमराह जिले की टीम में शामिल हुए. मानिए जिले की टीम का टूर्नामेंट स्टेट टीम में जगह बनाने का एक ट्रायल सा था. बुमराह को जिले की टीम से सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला और उसमें उन्होंने कमाल करते हुए स्टेट टीम में जगह हासिल कर ली.
खास रहा 2013 का साल
बुमराह ने 2013 में लिस्ट ए, फर्स्ट क्लास और टी20 डेब्यू किया. 2013 की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बुमराह ने जॉन राइट का ध्यान खींचा जो मुंबई इंडियंस के लिए युवा टैलेंट की तलाश कर रहे थे.
इसके बाद बुमराह ने 2013 में ही आईपीएल डेब्यू किया. आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करके बाद बुमराह ने बीसीसीआई का ध्यान खींचा और 2016 में उन्हें टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया. बुमराह ने अंतर्राष्ट्रीय करियर का पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे के जरिए खेला. फिर 2 साल का इंतजार करने के बाद 2018 में बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा. अब बुमराह टीम इंडिया के मुख्य तेज गेंदबाजों में से एक बन चुके हैं.