भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि गुरू की जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरू का अर्थ ही है, जो हमें अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाए। भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन ने अपना जन्मदिवस शिक्षकों के लिए समर्पित किया। शिक्षक दिवस पर प्रदेश के समस्त शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षक अपने दायित्वों का कुशल निर्वहन कर एक श्रेष्ठ पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को उज्जैन में शिक्षक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने संस्कृत के साथ ही हिन्दी को भारतीय समाज की प्रमुख भाषा के रूप में स्थापित और सम्मानित करने का कार्य किया। हमारी बोलियां भी क्रमिक विकास के साथ भाषा में परिवर्तित होती हैं। मूर्धन्य साहित्यकार माधवराव सप्रे और माखनलाल चतुर्वेदी ने राष्ट्र भाषा हिन्दी के विकास में अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षक दिवस कार्यक्रमों में सम्मानित शिक्षकों को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शिक्षक दिवस पर शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. माधव नगर उज्जैन में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह-2024 को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ जी महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेडा, विधायक घटिटया क्षेत्र सतीष मालवीय, बहादुरसिंह बोरमुंडला, क्षेत्रिय पार्षद दुर्गा शक्ति सिंह चौधरी, सहित जनप्रतिनिधि, स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. संजय गोयल, आयुक्त लोक शिक्षण सुशिल्पा गुप्ता, संभागायुक्त संजय गुप्ता, कलेक्टर नीरज कुमार सिह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरू शब्द संस्कृत से आता है, हम गुरू-शिष्य परंपरा को मानते हुए सनातन संस्कृति से जुड़ते हैं। गुरू अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। अव्यवस्था को सुव्यवस्था में बदलने के लिए गुरू की दूरदृष्टि की जरूरत होती है। प्रसन्नता है कि सरकार ने कुलपतियों का नाम बदलकर कुलगुरू करने का काम किया हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री बोर्ड परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले उज्जैन जिले के शिक्षकों का शॉल श्रीफल भेंटकर और प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। साथ ही उज्जैन के आईएसओ सर्टिफाईड 11 संकुल प्राचार्यो को आईएसओ प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने उद्बोधन में पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए कहा कि बोली से भाषा का क्रमिक विकास होता है और बोली भाषा में बदलती है। उन्होंने कहा, कि पिछले एक हजार सालों से हिंदी का विकास हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने संस्कृत के विद्वान होते हुए भी हिंदी को समाज की भाषा के रूप में प्रतिस्थापित करने का काम किया हैं। हिंदी में रामचरित मानस की रचना कर, तुलसीदास जी ने रामायण को घर-घर पहुंचाया हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने पूज्य स्व. पिता जी का स्मरण करते हुए कहा, कि शरीर नश्वर हैं, उन्होंने ही सत्य के मार्ग पर चलते हुए समय का सदुपयोग करने की शिक्षा दी हैं। मुख्यमंत्री ने समारोह में उपस्थित सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री ने समारोह में सम्मानित शिक्षकों के साथ समूह चित्र भी खिंचवाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के संबोधन को शासकीय सुभाष उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शिवाजी नगर भोपाल में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में सुना गया। प्रदेश के अन्य स्थानों में हुए शिक्षक दिवस समारोह में भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव का संबोधन सुना गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के संबोधन को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर बड़ी संख्या में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने सुना और देखा।
सुभाष विद्यालय में हुए कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि भारत की गुरू-शिष्य परंपरा की दुनिया भर में मिसाल दी जाती है। गुरूओं का दिया गया ज्ञान जिंदगी भर हमें प्रेरणा देता है। गुरूओं का सम्मान करने का अवसर सौभाग्यशाली है। शिक्षक दिवस पर बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम लेने वाले 12 शिक्षकों का सम्मान भी किया गया।
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि डिजिटल युग के दौर में विद्यार्थियों को प्रभावी रूप से शिक्षा देना चुनौतीपूर्ण है। ऐसे दौर में शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच धैर्य एक महत्वपूर्ण पहलू है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीसिंह ने कहा कि एक शिक्षक का देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचना भारत की मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन के मन में शिक्षकों के प्रति हमेशा सम्मान रहा। उनकी इस भावना से समाज में शिक्षकों का और सम्मान बढ़ा।
रोजगारोन्मुखी शिक्षा पर जोर
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। विद्यालयों में विद्यार्थी रोजगार के क्षेत्र का बेहतर विकल्प चुन सकें, इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से काउंसलिंग कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सुभाष स्कूल प्रदेश भर में अपनी श्रेष्ठता के लिये विभाग की ब्रांडिंग का काम कर रहा है। कार्यक्रम में बच्चों ने अपने अनुभव सुनाए और देश भक्ति पर केन्द्रित कविता सुनाई। कार्यक्रम को राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक हरजिन्दर सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में विधायक सिहोरा संतोष वरकड़े, संचालक लोक शिक्षण डी.एस. कुशवाह भी मौजूद थे।
शिक्षकों का हुआ सम्मान
स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने विद्यालय के अमिता पाण्डेय, मंगलम् इत्यलम् गुलाब सिंह, शर्मिष्ठा श्रीवास्तव, अंजना कपूरिया, सुअर्पणा नरोलिया, रश्मि श्रीवास्वत, भारती द्विवेदी, डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, सीमा माथुर, एकता पाठक, राजेन्द्र जसूजा और सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधाकर पाराशर का उनके उल्लेखनीय योगदान के लिये शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया।