किसी भी प्रकार के पूजा पाठ, शादी विवाह, उपनयन, मुंडन या फिर श्राद्ध कर्म के लिए पुरोहित की आवश्यकता होती है. ऐसे में लोगों को समय पर अच्छे पुरोहित नहीं मिल पाते हैं या फिर कई बार देखा गया है कि पुरोहित मिल ही नहीं पाते हैं. इस स्थिति में अब लोगों को किसी प्रकार की कोई टेंशन लेने की बात नहीं है. क्योंकि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के द्वारा अब लोगों को पुरोहित भी उपलब्ध कराया जाएगा.
इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि अब किसी प्रकार के अनुष्ठान या कर्मकांड को लेकर भटकना नहीं पड़ेगा. अब लोगों को विश्वविद्यालय पुरोहित उपलब्ध कराएगा.
डॉक्टर कुणाल कुमार झा बताते हैं कि यह एकेडमिक करियर काउंसलिंग की जो बैठक की गई थी. उसमें यह निर्णय लिया गया कि एक वर्षीय कोर्स का शुभारंभ किया जाए जिसमें जन्म कुंडली निर्माण, वास्तु विज्ञान, कर्मकांड से संबंधित एकोदिष्ट पारवन इत्यादि जो कर्मकांड में आता है उस सब का विधान यह एक वर्षीय कोर्स में करवाया जाएगा. जिसे अनुमोदित करके राज भवन भेजा गया है.
अब यह राज भवन से अनुमोदित होकर आएगा उसके बाद क्रियान्वय होगा. खास करके सामाजिक दृष्टि कोण को देखते हुए यह कदम उठाया गया है और समाज के किसी व्यक्ति को कहीं भटकना न पड़े चाहे वह पुरोहित कर्म के लिए या जन्म कुंडली निर्माण के लिए या वास्तु संबंधित या गृह आरंभ संबंधित इन सब से संबंधित जो भी प्रक्रिया है इस सब के विधान के लिए किसी भी प्रकार का भटकाव समाज में ना हो उसकी व्यवस्था के लिए यह निर्णय विश्वविद्यालय के द्वारा लिया गया है.