भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से जानते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का विधान है. इस दिन को अनंत चौदस भी कहा जाता है. गणपति बप्पा की विदाई भी इसी दिन लोग करते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी के व्रत और पूजा से सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है. इसलिए लोग इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
कब है अनंत चतुर्दशी का व्रत?
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर शेषनाग पर विराजे भगवान विष्णु के पूजन का विधान है. इस बार अनंत चतुर्दशी का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती भी है.
हाथ में बांधे अनंत सूत्र
इस दिन भगवान विष्णु के पूजन के दौरान चौदह ग्रंथि का सूत्र उनके सामने रखकर पूरे विधि विधान से उनकी पूजा करनी चाहिए. इस दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों से इस अनंत सूत्र को जागृत करना चाहिए.पूरे विधि विधान से पूजा के बाद इस चौदह ग्रन्थ अनंत सूत्र को पुरुष दाहिने हाथ के बांह पर और महिलाओं को बाएं हाथ के बांह पर बांधना चाहिए.
सुख-समृद्धि के आसान उपाय
इस अनंत सूत्र को धारण करने से भगवान विष्णु की कृपा भक्तों पर बनी रहती है और सुख समृद्धि और वैभव की प्राप्ति भी होती है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान की विशेष कृपा चाहिए तो आप इन खास उपायों को अपना सकते हैं.
अनंत चतुर्दशी के दिन नमक न खाएं
इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. व्रत के संकल्प के दौरान क्षीर सागर में विराजे भगवान विष्णु के रूप को ध्यान करना चाहिए.इस दिन व्रत के दौरान नमक रहित फलहार का सेवन करने का विधान है. सभी व्रत रखने वाले श्रद्धालु को इस बात का जरूर ख्याल रखना चाहिए.