कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने खुलासा किया कि उनका देश AUKUS सैन्य गठबंधन में शामिल होने पर विचार कर रहा है।
यह गठबंधन अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच चीन के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते सैन्य प्रभाव का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया था।
अब कनाडा भी इसमें शामिल होना चाहता है। कनाडा ने AUKUS के दूसरे स्तंभ में शामिल होने की इच्छा जताई है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी नई सैन्य तकनीकों पर सहयोग किया जाएगा। हालांकि, इस पर अभी तक कोई विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है।
बिल ब्लेयर इस समय टोक्यो में जापान के रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में महत्वपूर्ण चर्चाएं चल रही हैं।
उन्होंने कहा, “हम और जापान जैसे अन्य देश इन प्रक्रियाओं और परियोजना-विशिष्ट प्लेटफार्मों पर भागीदारी के लिए बातचीत कर रहे हैं। मैं आशावादी हूं, लेकिन अंतिम निर्णय का इंतजार है।” बता दें कि पिछले दिनों कनाडा और चीन के रिश्तों में काफी तल्खी आई है। अब कनाडा एशिया में अपनी नीति का विस्तार कर रहा है।
बता दें कि AUKUS गठबंधन का पहला चरण ऑस्ट्रेलिया के लिए परमाणु पनडुब्बी तकनीक पर केंद्रित है, लेकिन अब इसके विस्तार पर चर्चा हो रही है।
इसमें कनाडा के अलावा, जापान जैसे अन्य देश भी शामिल होने पर चर्चा कर रहे हैं। ब्लेयर का यह पहला जापान दौरा था, जहां वे दक्षिण कोरिया से पहुंचे थे। दक्षिण कोरिया भी AUKUS में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा कर रहा है।
कनाडा वर्तमान में एशिया में अपनी सुरक्षा भूमिका को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और इसके तहत जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों को गहरा करने को प्राथमिकता दी है।
साथ ही, देश अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रतिबद्धताओं को देखते हुए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी कर रहा है। ब्लेयर ने जानकारी दी कि अगले साल कनाडा का रक्षा बजट इस साल की तुलना में 27% बढ़ेगा, और आने वाले तीन से चार वर्षों में यह खर्च तीन गुना हो जाएगा।
इसके अलावा, ब्लेयर और किहारा ने जापानी क्षेत्र में चीनी घुसपैठ पर भी चर्चा की, जिस पर पिछले महीने टोक्यो ने बीजिंग के साथ औपचारिक विरोध जताया था।
इस चीनी सैन्य गतिविधि को लेकर अगले महीने इटली में होने वाली जी7 रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी चर्चा हो सकती है।
बता दें कि AUKUS एक त्रिकोणीय सुरक्षा समझौता है जो ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन (यूके), और अमेरिका के बीच 2021 में स्थापित हुआ था।
इसका उद्देश्य इन देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना है, खासकर Indo-Pacific क्षेत्र में। AUKUS के तहत, इन देशों ने परमाणु पनडुब्बियों के विकास और साझेदारी पर ध्यान केंद्रित किया है, साथ ही साइबर सुरक्षा, AI और अन्य एडवांस तकनीकों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया है।
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