गरियाबंद
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा दी गई नसीहत का असर होता प्रदेश के कुछ जिलों में नजर आ रहा है. गरियाबंद कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने बीती रात बिना किसी सूचना के जिला अस्पताल पहुंच गए. इस दौरान अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने के साथ मरीजों का हालचाल जाना. वहीं दवाई दुकानों के बंद मिलने पर नाराजगी जताई.
जानकारी के अनुसार, कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने लगभग एक घंटे तक अस्पताल के विभिन्न वार्डों, स्टोर रूम, ड्रेसिंग कक्ष, ओटी एवं अस्पताल परिसर का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से जिला अस्पताल में प्रदान किए जा रहे स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. साथ ही ड्यूटी चार्ट मांग कर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की उपस्थिति की भी जानकारी ली.
उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाए, जिससे मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो. उन्होंने इमरजेंसी ड्यूटी चार्ट सामने लगाने के निर्देश दिए, जिससे लोगों को आसानी से जानकारी मिल सके. इस दौरान कलेक्टर ने अस्पताल के पुरुष एवं महिला वार्डों में जाकर भर्ती मरीजों से उनका हाल-चाल जाना. साथ ही उनके परिजनों से इलाज की व्यवस्था एवं डॉक्टर की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली. इसके अलावा भर्ती मरीजों को दिए जाने वाले भोजन बारे में भी पूछा.
निरीक्षण के दौरान जन औषधि केंद्र और धनवंतरी मेडिकल स्टोर रात में बंद पाया गया. इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई. साथ ही स्टोर रूम में भी दवाई अव्यवस्थित पाए जाने पर नाराजगी जताते हुए व्यवस्थित करने के निर्देश दिए. इस दौरान एसडीएम राकेश गोलछा सहित डॉ. हरीश चौहान एवं अन्य स्टाफ मौजूद रहे.
कलेक्टर अग्रवाल ने अस्पताल परिसर में फैली गंदगी पर नाराजगी जताते हुए सफाई करने के निर्देश दिए. साथ ही गलियारों के आसपास उग आए घास की सफाई करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने शौचालयों को स्वच्छ रखने के निर्देश दिए, ताकि मरीजों को अव्यवस्थाओं का सामना ना करना पड़े.
कलेक्टर ने जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए रात में 2 डॉक्टरों की ड्यूटी लगवाने के निर्देश दिए. जिससे रात्रि में भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके. उन्होंने पार्किंग एरिया का निरीक्षण कर पार्किंग को व्यवस्थित एवं परिसर में पर्याप्त लाइटिंग करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने एनआरसी रूम का भी अवलोकन किया. गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए संचालित एनआरसी में भर्ती बच्चों को प्रदान किए जा रहे स्वास्थ्य सुविधाओं का भी जायजा लिया. कलेक्टर ने अस्पताल में मौजूद सुरक्षा व्यवस्था की भी जानकारी लेकर अस्पताल एवं मरीजों की सुरक्षा में कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए.