तटीय बांग्लादेश और आसपास के क्षेत्रों में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से पूरे राज्य में बीते 36 घंटे से वर्षा ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लौटते मानसून की अति सक्रियता का असर पूरे राज्य पर दिख रहा है। इसके प्रभाव से सोमवार को भी राजधानी में दिनभर बारिश होती रही। जिसके कारण शहर की सड़कों पर जलजमाव हो गया।
जिससे राहगीर परेशान रहे। वहीं शहर के निचले इलाकों में जलजमाव से शहरवासियों को काफी परेशानी हुई। सोमवार को बारिश के दौरान राज्यभर में हवा की गति 40 से 50 किलोमीटर तक रही जो अधिकतम 70 किलोमीटर तक गई।
कई जिलों में वज्रपात से हुआ बुरा हाल
वहीं, कई जिलों में वज्रपात भी देखने को मिला है। सोमवार को लोग घरों में कैद रहे। आम लोगों के साथ ही पशु-पक्षी भी परेशान हो गए। रोज कमाने-खाने वाले भी प्रभावित हुआ। शहर में ठेला-खोमचा पर दुकान लगाने वाले नजर नहीं आए। वहीं फेरी लगाकर सामान बेचने वाले कहीं पर नहीं दिखाई पड़े। बाजारों में सब्जी बेचने वाले भी कम ही दिखाई दिए। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहर कम आए। किसी की फ्लाइट छूटी तो किसी का स्कूल व दफ्तर : बारिश के कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के कारण कई लोगों की फ्लाइट छुट गई।
वहीं, सुबह से हो रही वर्षा के कारण कई बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी हुई। कई बच्चों की स्कूल बस छूट गई। कई लोग समय पर दफ्तर नहीं पहुंच सके। वहीं रोजमर्रा का काम करने वाले मजदूर काम के लिए परेशान रहे।
झारखंड में बारिश से कब मिलेगी राहत
मौसम विज्ञानी की माने तो राजधानी में विश्वकर्मा पूजा के दिन दोपहर बाद मौसम राहत देगा। इसके बाद धीरे-धीरे स्थति सुधरेगी। हालांकि, राजधानी में 18 सितंबर तक आकाश में बादल छाए रहेंगे। मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार की दोपहर के बाद राज्य के उत्तर-पश्चिमी जिलों को छोड़कर राज्यभर में दोपहर के बाद राहत मिलने की संभावना है। वहीं देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताडा, पाकुड और साहेबगंज में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।