दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है. नए मुख्यमंत्री के नाम का पर भी मुहर लग गई है. आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री चुन लिया गया है. इस बीच राजनीतिक वार पलटवार अभी भी जारी हैं. दिल्ली के हालिये घटनाक्रम पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे को चुनावी पैंतरेबाजी बताया है और पूछा है कि केजरीवाल के जेल रहते हुए दिल्ली की जनता को जो असुविधा हुई उसका हिसाब कौन देगा.
मायावती का केजरीवाल पर हमला
बसपा सुप्रीमो ने अपने "X" हैंडल पर लिखा है श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के सीएम पद से अब इस्तीफा देना वास्तव में जनकल्याण से दूर इनकी चुनावी चाल व राजनीतिक पैंतरेबाजी है, किन्तु उनके लम्बे समय तक जेल में रहने के कारण, दिल्ली की जनता ने जो अनगिनत असुविधाएं व समस्याएं झेलीं हैं उसका क्या? उसका हिसाब कौन देगा? अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि सत्ता व विपक्ष के बीच राजनीतिक लड़ाई शत्रुता स्तर तक कटू नहीं हो तो बेहतर है, ताकि उससे देश व जनहित के मामले प्रभावित ना हो. अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जब बीएसपी की यूपी में सरकार थी, तो उसे भी ऐसे दिन देखने पड़े थे, केन्द्र की कांग्रेसी सरकार ने जेवर एयरपोर्ट व गंगा एक्सप्रेस-वे पर भी रोड़े अटकाए और जनहित व विकास को बाधित किया था.
केजरीवाल के इस्तीफे पर विपक्ष का आरोप
केजरीवाल ने जब से इस्तीफा का घोषणा किया है, तब से उनके ऊपर ऐसे हमला विपक्ष कर रहा है, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस सब यही आरोप लगा रहे है कि, केजरीवाल चुनावी फायदे के लिए मुख्यमंत्री का पद छोड़ रहे है ना कि नैतिकता के आधार पर. इसके साथ ही कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की कांग्रेसी सरकार ने जेवर एयरपोर्ट व गंगा एक्सप्रेस-वे पर रोड़े अटकाए था और जनहित व विकास को बाधित किया था.