सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में सख्त रुख अपनाया।
देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वरिष्ठ वकील की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी।
इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में गर्मा-गर्मी देखने को मिली।
सुप्रीम कोर्ट के इस केस की सुनवाई के दौरान जैसे ही अदालत अपने दिन की सुनवाई समाप्त करने वाली थी, एक वरिष्ठ वकील ने ममता बनर्जी के इस्तीफे के लिए अदालत से निर्देश की मांग करते हुए एक अंतरिम आवेदन दाखिल करने की कोशिश की।
इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस आवेदन पर नाराजगी जताते हुए कहा, “एक सेकंड, आप किसके लिए पेश हो रहे हैं? यह राजनीतिक मंच नहीं है। आप बार के सदस्य हैं।
गौर से सुनें… आप जो कह रहे हैं, वह कानूनी अनुशासन के नियमों के अनुसार होना चाहिए। हम यहां राजनीतिक नेताओं के बारे में सुनने के लिए नहीं हैं।”
सीजेआई चंद्रचूड़ ने समझाया कि कोर्ट का ध्यान कोलकाता में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं पर है। उन्होंने कहा, “अगर आप मुझसे मुख्यमंत्री के इस्तीफे का निर्देश देने के लिए कह रहे हैं… तो यह हमारे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।”
चंद्रचूड़ ने फिर से हस्तक्षेप किया जब वकील ने अपनी दलील जारी रखी। सीजेआई चेतावनी भरे लहजे में कहा, “एक सेकंड, पहले मेरी बात सुनिए, अन्यथा मैं आपको कोर्ट से बाहर कर दूंगा।”
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फोरम ने स्पष्ट किया है कि वे मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपनी पांच मांगों को ठोस तरीके से लागू करने की मांग कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच में प्रगति पर चर्चा की और सीबीआई को 24 सितंबर तक ताजा स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
अदालत ने मृतक डॉक्टर के पिता की एजेंसी द्वारा खोजी गई कुछ जानकारियों को सुनने की भी बात की। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि जूनियर डॉक्टर मामले की जांच में मदद के लिए क्राइम स्पॉट पर मौजूद लोगों के नाम भी प्रदान करेंगे।
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