राजनगर प्रखंड क्षेत्र में भारी बारिश से नदी, नाले और तालाब उफान पर हैं। भारी बारिश के कारण ईचा खरकाई डैम का मुख्य नहर लबालब हो गया है। मंगलवार को राजनगर के श्यामनगर फार्म के पास ईचा डैम का दायीं मुख्य नहर का पानी उफानते हुए ब्रांच कैनल (शाखा नहर) में चला गया।
यहां लोहे की गेट की जगह मिट्टी मुरुम से शाखा नहर को बंद रखा गया था। जो तेज पानी के बहाव से टूट गया और मुख्य नहर में भरा सारा पानी तेज धार के साथ शाखा नहर में बहते हुए राजनगर उरांव बस्ती और मुड़ियापाड़ा के साहू कॉलोनी के कई घरों तक पहुंच गया।
जब मौसम बिल्कुल साफ था। बारिश भी नहीं हो रही थी। ऐसे समय में अचानक तेज पानी का धार नहर से उफान मारते हुए घरों में घुसने लगा। जिससे लोग अवाक रह गए। लोगों में अफरा-तफरी मच गई और घरों से सामानों को हटाने में लग गए।
पानी का धार इतना तेज था कि लोगों को घरों से सामान हटाने का समय भी नहीं मिला। लगभग दो घंटे तक घरों में कमर तक पानी बहते हुए घुस रहा था। जिससे एक मिट्टी का मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।
वहीं दूसरा मकान पक्का दीवार का होने के चलते टूटने से बचा, लेकिन मकान के अंदर कमरों में पानी लबालब भर गया। घर में रखा धान, चावल, कपड़ा, कागजात और सारे सामान बर्बाद हो गए। बाढ़ का पानी घरों में घुसने के बाद लोगों ने कहा कि राजनगर में बाढ़ जैसे हालात पहली बार देखा गया है
मुख्य नहर में लोहे की गेट होती तो घरों में नहीं घुसता नहर का पानी,
ईचा खरकाई बांध के लिए राजनगर क्षेत्र से दाईं ओर मुख्य नहर गुजरी है, जो वर्षों से बनकर तैयार है। परंतु जहां भी ब्रांच कैनल निकाला गया है। वहां लोहे का गेट लगाना ठेकेदार भूल गया है। मुख्य नहर व ब्रांच नहर को यूं ही खुला छोड़ दिया गया है।
गर्मियों के दिनों में मुख्य नहर में नहाने धोने के लिए पानी का ठहराव रहे, इसके लिए मिट्टी मुरुम से गेट के जगह को बंद रखा गया था। आज इसी का नतीजा रहा कि श्यामनगर के पास मुख्य नहर जब लबालब पानी से भर गया। तब शखा नहर में घुसा पानी उफान मार गया और घरों में घुस गया।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा, दो घंटे बाद स्थिति हुई सामान्य
बाढ़ की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन राहत कार्य में जुटी। सीओ हरीश चंद्र मुंडा एवं बीडीओ मलय कुमार के रांची में होने के कारण थाना प्रभारी अमिश कुमार स्थिति संभालने में जुटे।
इसके बाद बाढ़ जेसीबी की व्यवस्था की गई। सरायकेला मोड़ पर शाखा नहर में जमीं झाड़ी और गंदगी को जेसीबी से साफ कराया। दो घंटे बाद स्थिति सामान्य हुई।