विज्ञापन से जुड़े एंट्री ट्रस्ट केस में अदालत से गूगल को बड़ी राहत मिली है। आईटी कंपनी ने बुधवार को यूरोपीय संघ की ओर से पांच साल पहले लगाए गए 1.49 बिलियन यूरो के जुर्माने के खिलाफ दाखिल केस जीत लिया है। यूरोपीय कमीशन के जनरल कोर्ट ने गूगल के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वह यूरोपीय संघ की ओर से 2019 में लगाए गए जुर्माने को खारिज कर रहा है।
गूगल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि न्यायालय ने आयोग के निर्णय को पूरी तरह से रद्द कर दिया। आयोग का निर्णय गूगल के विज्ञापन व्यवसाय के एक सीमित हिस्से पर लागू होता है।
क्या है पूरा मामला?
नियामकों ने गूगल पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने थर्ड पार्टी साइट्स के साथ अपने समझौतों में खास तौर पर एक शर्त जोड़ी कि वे साइट्स गूगल की प्रतिद्वंदी कंपनियों की ओर से जारी विज्ञापन नहीं चलाएंगे। गूगल पर जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि उसकी शर्त के कारण वेबसाइट मालिकों और विज्ञापनदाताओं के पास बहुत सीमित विकल्प बचे थे। इसके कारण उन्हें ऊंची कीमतें चुकानीं पड़ी जिसका भार अंतत: उपभोक्ताओं पर पड़ा।
हालांकि जनरल कोर्ट ने गूगल को राहत देने वाले अपने फैसले में कहा कि कमीशन ने उक्त शर्त का मूल्यांकन करने में त्रुटि की। कमीशन यह साबित करने में विफल रहा कि गूगल की शर्त के कारण नवाचार प्रभावित हुआ, उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा और इससे कंपनी (गूगल) को अपना एकाधिकार मजबूत करने में मदद मिली।