भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले और 'इंडिया आउट' का अभियान चलाने वाले मालदीव की मदद करने के लिए भारत आगे आया है। मुइज्जू सरकार के अनुरोध पर भारत ने एक और साल के लिए मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। मालदीव को मिली बजटीय सहायता पर मुइज्जू सरकार ने भारत का आभार जताया है।
भारत ने की मालदीव की वित्तीय मदद
भारतीय उच्चायोग ने बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मालदीव सरकार के 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिलों को पिछली सदस्यता के पूरे होने पर एक और साल के लिए सब्सक्राइब किया है। इस साल मई के महीने में SBI ने मालदीव सरकार के गुजारिश करने पर पुरानी व्यवस्था के तहत 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल सब्सक्राइब किए थे। यह सब्सक्रिप्शन मालदीव सरकार के विशेष अनुरोध पर "आपातकालीन वित्तीय सहायता" के रूप में किए गए हैं।
मालदीव ने जताया आभार
भारत की ओर से की गई मदद पर मालदीव के पर्यटन मंत्री अहमद अदीब ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा,"50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिलों के रोलओवर के साथ महत्वपूर्ण बजटीय सहायता बढ़ाने के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. अदीब ने कहा कि इससे हमारे देशों के बीच गहरे संबंध मजबूत होते हैं और आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में हमारा मार्ग मजबूत होता है।"
भारत-मालदीव के बीच क्यों बढ़ी थी खटास
बता दें कि इस साल की शुरुआत में भारत और मालदीव के रिश्तों में जबरदस्त खटास पैदा हो गई थी। जनवरी में पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा करते हुए द्वीप की कुछ खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट की थीं।
इन तस्वीरों को देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया कि पर्यटकों को मालदीव की जगह लक्षद्वीप का दौरा करना चाहिए। लोगों की यह बात मालदीव को पसंद नहीं आई। इसके बाद मालदीव सरकार कुछ मंत्रियों ने भारत के खिलाफ टिप्पणी की। इसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराता गया।