भोपाल । मध्य प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार प्रदेश के 7 लाख से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को खुशखबरी देने जा रही है। इन्हें दिया जाने वाला गृह भाड़ा, परिवहन और मंत्रालय भत्ते में जल्द ही वृद्धि की जाएगी। साथ ही सरकार इस भत्ते को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की तैयारी कर रही है। मंत्रियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों का विशेष भत्ता भी बढ़ाया जाएगा। दरअसल, कुछ दिनों पहले नई दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में पोस्टेड प्रदेश के कर्मचारियों के होम रेंट अलाउंस की रेट को 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है। वहीं, 12 साल पहले 2012 में राज्य वेतन आयोग की अनुंशसा पर एमपी में गृह भाड़ा भत्ते (एचआरए) की दर में संशोधन किया था। उस दौरान वित्त सचिव मनीष रस्तोगी थे। वे अब विभाग के प्रमुख सचिव हैं।
12 सालों से नहीं बढ़े भत्ते
आपको बता दें कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार में वित्त सचिव अजीत कुमार ने इस मामले पर सरकार को एक रिपोर्ट दी थी। जिस पर अब सीएम डॉ मोहन यादव निर्णय लेने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल एमपी के अधिकारी, कर्मचारियों को साल 2018 से सातवां वेतनमान मिल रहा है। इसके अनुसार भत्ते नहीं बढ़ाए गए हैं।
पहले भी कर्मचारी कर चुके हैं मांग
भत्ते बढ़ाने को लेकर पहले भी कर्मचारी संगठनों ने मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस दौरान महंगाई कई गुना बढ़ गई। शिवराज सरकार के समय वित्त सचिव अजीत कुमार को भत्तों में वृद्धि के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने विभाग को रिपोर्ट सौंप दी थी। इसमें भत्तों को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की अनुशंसा की गई। महंगाई भत्ता भी इंडेक्स के अनुसार ही बढ़ाया जाता है।
सभी वर्ग के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
बता दें कि यह वर्तमान में प्रदेश के कर्मचारियों को 46 और अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 50 प्रतिशत की दर से दिया जा रहा है। सातवें वेतनमान को लेकर भत्ते के संबंध में जो सिफारिश की थी, उसके आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को जोड़ते हुए दरें रिवाइज की जाएंगी। इसका लाभ सभी संवर्गों के कर्मचारियों को मिलेगा। अधिकारियों के अनुसार कर्मचारियों का गृह भाड़ा भत्ता वित्त विभाग ने साल 2012 में बढ़ाया गया था। इसमें 2001 की जनगणना के आधार पर वेतन बैंड में वेतन और ग्रेड वेतन के योग के आधार पर प्रतिशत निर्धारित किया गया था।.
2012 में बढ़ा था भत्ता
मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष के अनुसार कर्मचारियों के गृह भाड़ा भत्ता में वित्त विभाग ने वर्ष 2012 में बढ़ोतरी की थी. जिसमें 2001 की जनगणना को आधार मानते हुए सैलरी और ग्रेड वेतन के योग के आधार पर प्रतिशत निर्धारित किया गया. जहां 7 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में निवास करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को 10%, 3 लाख से 7 लाख तक आबादी वाले नगरों में 7 प्रतिशत, 50000 से 3 लाख तक आबादी वाले नगरों में 5 % और 50000 से कम आबादी वाले नगरों में निवास करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए 3 % दर देने का फैसला किया गया था.
7 साल पहले बढ़ा था विशेष भत्ता
सामान्य प्रशासन विभाग ने मई 2017 में मंत्रियों के विशेष सहायक, निज सचिव, निज सहायक और मंत्रालय के अधिकारियों को दिए जाने वाले विशेष भत्ते में बढ़ोतरी की थी. मकान किराया भत्ता की पात्रता अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, संविदा, तदर्थ या दैनिक वेतन के आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को भी यह सुविधा नहीं मिलती है. इसके अलावा ऐसे अधिकारी-कर्मचारी, जिन्हें सरकारी आवास आवंटित है, किराया रहित सरकारी आवास गृहों में रहते हैं या फिर किराया रहित आवास के बदले कोई भत्ता दिया जा रहा है.