झारखंड के पलामू में दक्षिणेश्वर काली का प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां 4 लाख से भी ज्यादा घंटे से अखंड दीप जल रहा है. सालों से जल रहा यह दीपक लोगों की आस्था का प्रतीक है. मुराद पूरी होने पर लोग यहां घी का दान करते हैं, ताकि दीया अखंड रूप से जलता रहे.
पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के रेड़मा चौक समीप स्थित भगवती भवन में मां दक्षिण काली का दरबार है. मान्यता है कि यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण होती है. यहां पान, कसैली और नारियल से पूजा की जाती है. नारियल की बलि देकर श्रद्धालु अपनी मनोकामना मांगते हैं. वहीं, मनोकामना पूर्ण होने पर मां का श्रृंगार कराते हैं और घी दान करते हैं.
मंदिर के पुजारी शिबुल बाबा ने लोकल 18 को बताया कि यह मंदिर करीब 60 साल पुराना है, जहां 1965 में मां दक्षिणेश्वर काली की स्थापना कराई गई थी. धीरे-धीरे श्रद्धालुओं का लगाव मंदिर से बढ़ता गया. 1978 में स्थानीय निवासी पप्पू सहानी द्वारा मंदिर को विस्तार करते हुए यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्थापना कराई गई. साथ में राधा-कृष्ण दरबार, शीतला माता दरबार, भगवान शंकर माता पार्वती दरबार और हनुमानजी की स्थापना कराई गई. मंदिर में अखंड दीप प्रज्वलित किया गया जो आज तक जल रहा है.
पुजारी ने आगे बताया कि इस मंदिर में सभी देवताओं का दरबार है. यहां आने पर मां से मांगी हुई हर मुराद श्रद्धालुओं की पूरी होती है. मंदिर परिसर में 1978 से अखंड दीप जल रहा है. कार्तिक मास के शुल्क पक्ष के दिन अखंड दीप को प्रज्वलित किया गया था, जो अब तक 4,02,960 घंटे जल चुका है. कोई भी श्रद्धालु अखंड दीप जलाना चाहता है तो 24 घंटे या 48 घंटे का दीप जला सकता है.