श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान हो चुका है। दूसरे चरण के मतदान से पहले जम्मू-कश्मीर का माहौल गरमा गया है। नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर पहुंच गया है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहे। मेंढर में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि 90 के दशक में फारूक की मेहरबानी से आतंकवाद आया। 90 के दशक में यहां बहुत गोलीबारी होती थी, क्योंकि यहां के आका पाकिस्तान से डरते थे। शाह ने कहा कि अब पाकिस्तान नरेंद्र मोदी से डरता है। इनकी हिम्मत नहीं है गोलीबारी करने की। अगर गोलीबारी की तो मोदी गोली का जवाब गोले से देंगे।
शाह ने कहा कि ये चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों का शासन खत्म करने वाला चुनाव है। तीनों परिवार ने यहां जम्हूरियत और चुनावों को रोक कर रखा था। इन्होंने पूरे जम्मू-कश्मीर में 90 के दशक से 2014 तक दहशतगर्दी फैलाई। 40 हजार युवा मारे गए। शाह ने कहा कि 1947 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए हर जंग में जम्मू-कश्मीर के सैनिकों ने भारत की रक्षा की है। 1990 के दशक में जब आतंकवाद आया, तो यह मेरे पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल भाई ही थे, जिन्होंने सीमाओं पर बहादुरी से गोलियों का सामना किया।
फारूक अब्दुल्ला ने अमित शाह के हमले का जवाब देते हुए कहा- जब भी कोई चीज आती है तो ये लोग भाजपा पाकिस्तान का नाम लेते हैं फिर हमसे कहते हैं कि हम पाकिस्तानी हैं। ये लोग कहते हैं कि फारूक अब्दुल्ला और राहुल गांधी का गठबंधन पाकिस्तान की तरफ से हुआ है। हमें पाकिस्तान से क्या लेना देना है। मुझे तो लगता है ये खुद पाकिस्तानी हैं।