अमेरिका में शनिवार को क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ।
जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान देशों के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की। बैठक में नेताओं ने यूएनएससी की स्थायी और अस्थायी सीटों के विस्तार से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार की बात की।
‘संयुक्त घोषणा’ में यूएनएससी में प्रतिनिधि बढ़ाने, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।
सभी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और समुद्री सुरक्षा पर जोर दिया। उत्तर कोरिया द्वारा लगातार की जा रही मिसाइल परीक्षणों की कड़ी निंदा की और इसे बड़ा खतरा बताया। उत्तर कोरिया ने हाल ही में मिसाइल परीक्षण से जापान समेत कई देशों की नींद उड़ा रखी है।
क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने संयुक्त घोषणा में कहा, “वैश्विक और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ, हम वैश्विक शांति, समृद्धि और सतत विकास करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और पहलों का समर्थन करना जारी रखेंगे।
क्वाड राष्ट्रों ने कहा, “हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सदस्यता में विस्तार करेंगे। इसे अधिक समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाएंगे।
UNSC में स्थायी सीट का मुद्दा भी उठा
क्वाड शिखर सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों ने यूएनएससी की स्थायी सीटों के विस्तार पर जोर दिया। सुरक्षा परिषद में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन राष्ट्रों की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई।
बता दें कि भारत भी लंबे समय से यूएनएससी में स्थायी सीट की मांग करता आया है। जो बाइडेन ने यूएनएससी में भारते स्थायी प्रतिनिधित्व की वकालत की है। क्वाड देशों ने अपने घोषणापत्र में सीमा पार आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की ‘स्पष्ट निंदा’ की।
आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करेंगे
क्वाड देशों ने आतंकवाद के खिलाफ चर्चा करते हुए मुंबई में 26/11 और पठानकोट हमलों की निंदा की। बयान में कहा गया, “हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप, आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से उत्पन्न खतरों को रोकने, पता लगाने और उनका जवाब देने के व्यापक और निरंतर तरीके पर काम करेंगे। हम आतंकवादी हमलों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
क्वाड देशों ने उत्तर कोरिया के “दुनिया को अस्थिर करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों” की निंदा की और इसे “गंभीर खतरा” बताया। घोषणापत्र में कहा गया है, “हम उत्तर कोरिया द्वारा लगातार की जा रही बैलिस्टिक मिसाइलों के प्रक्षेपण और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों (यूएनएससीआर) का उल्लंघन करने की निंदा करते हैं।
बाइडेन और मोदी की मुलाकात
क्वाड सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। डेलावेयर के विलमिंगटन में स्थित बाइडेन ने अपने आवास पर मोदी का स्वागत किया और दोनों नेता एक दूसरे से गले मिले।
दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
बाइडेन ने ‘एक्स’ पर कहा, “भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब भी हम बैठते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से बहुत प्रसन्न होता हूं। आज भी कुछ अलग नहीं था।”
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