पटना। बिहार में डिग्रियों के वितरण को लेकर आ रही समस्या का समाधान करते हुए निर्देश जारी किए गए हैं। इस मसले पर राजभवन के स्पष्ट निर्देश विश्वविद्यालयों को छह साल पहले दिए जा चुके हैं कि विश्वविद्यालय खुद दीक्षांत समारोह आयोजित करें। अगर समारोह आयोजित नहीं होता है तो विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डिग्री बांटने को अधिकृत होंगे। वे योग्य विद्यार्थियों के अधिकृत व्यक्ति को भी इसे दे सकते हैं या उन्हें डाक से भी भेज सकते हैं। एक बार इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं।
कुलपति डीम्ड डेट (उपाधि बांटने की तारीख) का निर्धारण करेंगे। राजभवन ने यह भी प्रावधान कर दिया है कि कुलपति ही उपाधि पर हस्ताक्षर करेंगे। अगर वे सक्षम नहीं हैं तो बैचलर तक की डिग्री पर हस्ताक्षर के लिए प्रति कुलपति को अधिकृत करेंगे। उपाधि वितरण समारोह और ड्रेस डिजाइन को लेकर यह बदलाव राजभवन ने तीन सदस्यीय कुलपतियों की कमेटी से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर किया था। राजभवन ने विश्वविद्यालयों द्वारा उपाधि वितरण से संबंधित यह महत्वपूर्ण आदेश अगस्त 2018 में ही जारी किया था। चार माह बाद राजभवन ने इस आदेश की पुनरावृति करते हुए फिर से जारी किया। इसमें स्पष्ट रूप से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलानुशासक को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सभी विवि अपने स्तर से प्रत्येक वर्ष नवंबर महीने में दीक्षांत समारोह का आयोजन करेंगे। अगर किसी विशेष परिस्थिति की वजह से दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं किया गया, तो इसे दिसंबर महीने में कुलाधिपति से अनुमति प्राप्त करके आयोजित किया जाएगा।