दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह परिवार के रूप में यात्रा करके ड्रग्स की तस्करी करता था। पुलिस ने इस गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 400 किलो गांजा बरामद किया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये है। दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि ओडिशा से ड्रग्स की एक बड़ी खेप दिल्ली आने वाली है। इस टिप पर काम करते हुए पुलिस ने जाल बिछाया और शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन के पास से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। ये तीनों एक परिवार के रूप में यात्रा कर रहे थे। इनमें एक महिला, एक पुरुष और एक 16 साल की लड़की शामिल थी। जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो पता चला कि महिला का नाम अनीता उर्फ मानो (45), पुरुष का नाम अमन राणा (26) और लड़की उनकी साथी है।
गिरोह की गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाले तथ्य
पुलिस ने जब इनके बैग की तलाशी ली तो उसमें से 41.5 किलो गांजा बरामद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 50 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस की पूछताछ में अनीता ने बताया कि वह पहले भी शराब और ड्रग्स की तस्करी के मामले में जेल जा चुकी है। उसके पति की भी क्राइम हिस्ट्री है। वहीं अमन आठवीं फेल है और आसानी से पैसा कमाने के चक्कर में इस धंधे में शामिल हो गया। जब पुलिस ने इस मामले की आगे छानबीन की तो पता चला कि, ये गिरोह काफी लंबे वक्त से दिल्ली-NCR में ड्रग की तस्करी कर रहा है। ये लोग ओडिशा और आंध्र प्रदेश से गांजा लाकर दिल्ली के कॉलेज और स्कूल के छात्रों को बेचते थे।
ओडिशा से दिल्ली-NCR तक ड्रग्स की सप्लाई
पुलिस से बचने के लिए ये सभी लोग एक परिवार बनकर यात्रा करते थे, जिससे कोई इन लोगों पर शक न करे। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए चार और तस्करों को गिरफ्तार किया है। जिनकी पहचान संदीप कुमार, जोगिंदर, नवीन कुमार और राजेश के तौर पर हुई है। इनके पास से 357 किलो गांजा बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक ये लोग भी आंध्र-ओडिशा बॉर्डर से ड्रग्स लाकर दिल्ली-NCR में सप्लाई करते थे। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह ओडिशा में मिलने वाले शीलावती गांजे की तस्करी करता था। दिल्ली-NCR में इसकी काफी मांग है और इसकी कीमत एक लाख रुपये प्रति किलो है। इसके अलावा ये लोग इडुक्की गोल्ड और मैसूर मैंगो जैसे गांजे की भी तस्करी करते थे।