मनेन्द्रगढ़/एसीबी
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ द्वारा उपप्रांत अध्यक्ष दिनेश सिंह संभाग अध्यक्ष हजरत अली जी के द्वारा संयुक्त रूप से बयान दिया गया कि शिक्षक एलबी जिनकी नियुक्ति पंचायत में शिक्षा कर्मी के रूप में 1998 में किया गया था एवं यह पद पेंशनेबल था शासन के द्वारा पेंशनेबल नहीं था इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं की गई थी तथा 98 से 2004 तक ओल्ड पेंशन लागू था अतः शिक्षक एलबी की नियुक्ति नियमित शिक्षकों के पद पर किया गया था पंचायत विभाग द्वारा अलग से पद स्वीकृत नहीं किया गया था अर्थात नियमित पद पर पंचायत के द्वारा नियुक्ति दी गई थी जबकि विद्यालय शिक्षा विभाग के अंतर्गत था इसलिए 98 से 2004 के पूर्व की सभी शिक्षकों को पेंशन नियम 1976 के तहत पेंशन दिया जाना चाहिए था.
जिसे शासन द्वारा स्वीकार नहीं किया गया और उन्ही पदों पर 1 जुलाई 2018 में सिविलियन किया गया तथा कंडिका चार के द्वारा सभी लाभों से वंचित कर दिया गया एवं हम सब की 20 वर्ष की सेवा को शुन्य घोषित किया गया यह शिक्षक एलबी के साथ सौतेला व्यवहार है जिसके कारण 98 से 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षक शुन्य पेशन पर सेवानिवृत हो रहे हैं और आगे लगभग 95 प्रतिशत शिक्षक शून्य पेंशन पर सेवानिवृत हो जाएंगे अतः शासन से हम सभी पूछना चाहते हैं कि इस प्रकार का सौतेला व्यवहार एल बी शिक्षकों के साथ क्यों किया जा रहा है क्या हमें सेवानिवृत होने की पश्चात जीने का कोई अधिकार नहीं है.
क्या 20 से 30 वर्ष सेवा करने की पश्चात दर-दर की ठोकर खाने को छोड़ा जा रहा है आज छत्तीसगढ़ में सभी विभागों में सभी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है केवल और केवल शिक्षा विभाग में सिविलियन करने के बाद कंडिका कर लागू करके पेंशन से वंचित किया जा रहा है जब 98 से 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों को पेंशन नियम 1976 के तहत पेंशन दिया जाना चाहिए था क्योंकि उस समय ओल्ड पेंशन लागू थी एवं पद पेंशनेबल था इसके संबंध में प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ द्वारा कांग्रेस के शासनकाल में भी ज्ञापन दिया गया एवं सभी विधायकों से सहमति पत्र लिया गया तत्पश्चात वर्तमान शासन में भी कई विधायक एवं मंत्रियों एवं सांसदों को तथा मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया गया एवं समस्या से अवगत कराया गया पर इस संबंध में आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई अतः प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के द्वारा 29 सितंबर 2024 को तुता नवा रायपुर में एकदिवसीय सत्याग्रह आंदोलन रखा गया है जिसमें 98 से 2004 के पूर्व के सभी शिक्षक बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले हैं अब हम सभी कमर कस लिए हैं आर या पार की अंतिम लड़ाई लड़ने को तैयार है हम सभी शासन के कार्यों को बिना प्रभावित किये संघर्ष करेंगे एवं आने वाले समय में हमारा संघर्ष और ही उग्र रूप धारण करेगा अतः शासन से बार-बार आग्रह करते हैं कि हमारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 1998 से गणना करते हुए पेंशन का लाभ दिया जायें।