दिल्ली के शकरपुर इलाके में यूपीपीएसपी की तैयारी करने वाली छात्रा के बाथरूम में सीसीटीवी कैमरा लगा था. छात्रा को शक हुआ तो उसने कैमरे चेक करना शुरू कर दिया. इसी दौरान छात्रा को अपने बाथरूम में बल्ब होल्डर में कैमरा लगा पाया. छात्रा ने बाथरूम में कैमरा लगे होने की जानकारी पुलिस को दी. जानकारी पीसीआर कॉल पर जानकारी मिलने के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. पूर्वी दिल्ली के शकरपुर थाने में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही एक लड़की दिल्ली में अकेली रहती हैं. पीड़िता ने अपने व्हाट्सएप पर कुछ असामान्य गतिविधि देखी, अपने लिंक किए गए मोबाइल का व्हाट्सएप अकाउंट किसी अज्ञात लैपटॉप में लॉग इन था. उसने तुरंत लॉग आउट कर दिया. संदेह होने पर उसने अपने अपार्टमेंट में छिपे हुए कैमरों की तलाशी शुरू कर दी. छात्रा ने अपने बाथरूम के बल्ब होल्डर में एक कैमरा लगा हुआ पाया और पीसीआर कॉल करके पुलिस को सूचित किया.
बेडरूम और बाथरूम में छिपे कैमरे
छात्रा की सूचना पर एसआई राकेश तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और जांच की. जांच के दौरान उसके बेडरूम के बल्ब होल्डर में एक और कैमरा लगा हुआ मिला. पीड़ित लड़की ने खुलासा किया कि वह अक्सर अपने घर की चाबियां मकान मालिक के बेटे करण को सौंपती थी, जो उसी इमारत की एक अलग मंजिल पर रहता है. छात्रा ने बताया कि वो मकान मालिक के बेटे पर आंख बंदकर भरोसा करती थी. वहीं पूछताछ के दौरान करण ने स्वीकार किया कि तीन महीने पहले जब लड़की उत्तर प्रदेश में अपने गृहनगर के लिए रवाना हुई थी, तो उसने अपने घर की चाबियां उसे सौंप दी थीं. इस मौके का लाभ उठाते हुए करण ने इलेक्ट्रॉनिक्स बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध तीन जासूसी कैमरे खरीदे और एक उसके बेडरूम में और एक उसके बाथरूम में लगाया.
पुलिस ने बरामद किया कैमरा
इन जासूसी कैमरों को ऑनलाइन संचालित नहीं किया जा सकता था. वहीं वीडियो स्टोर करने के लिए मेमोरी कार्ड का उपयोग किया जाता था, इसलिए उसने बिजली के तार और पंखे की मरम्मत के बहाने लगातार लड़की की चाबियां मांगी, जिससे वह मेमोरी कार्ड से रिकॉर्ड किए गए वीडियो को अपने लैपटॉप में ट्रांसफर कर सके. जांच के दौरान करण के कब्जे से एक जासूसी कैमरा बरामद किया गया है.