पटना। ढाई सालों के लगातार कोशिश और जन-भागीदारी पर बातचीत के बाद जनसुराज दो अक्टूबर को नए दल के स्वरूप में राजनीति में दस्तक दे रहा है। अभी तक यह अभियान था और अब आगे चुनावी राजनीति में प्रशांत किशोर (पीके) की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी।
आधिकारिक दावा किया गया है कि जनसुराज किसी व्यक्ति, परिवार जाति या वर्ग का न होकर, बिहार में व्यवस्था परिवर्तन के लिए संकल्पित लोगों का दल होगा। मंच पर मुख्य उपस्थिति पीके की होगी। उनके साथ सेवानिवृत्त आइएएस-आइपीएस अधिकारी व दूसरे राजनीतिक दल छोड़कर आए नेता मौजूद रहेंगे। जनसुराज इसे बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का सामूहिक प्रयास बता रहा और वेटनरी कॉलेज में होने वाले जुटान को एक पड़ाव। जनसुराज ने अपने संकल्प में सहभागिता के लिए पूरे बिहार के लोगों का आह्वान किया। बड़े जुटान की आशा है, इसीलिए इस आयोजन के लिए वेटनरी कॉलेज का मैदान चुना गया है।
संभव है कि मंच से दल के पदाधिकारियों की घोषणा भी की जा सकती है। पीके पहले ही बता चुके हैं कि उनके दल की कमान बारी-बारी से सभी जाति-समुदाय के लोगों के हाथों में दी जाएगी।