दमोह । मध्य प्रदेश के दमोह जिले के देहात थाना क्षेत्र के समन्ना गांव में शराबी ट्रक चालक ने ऑटो सवार दस लोगों को कुचल दिया। हादसे में 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक महिला जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। बताया जा रहा है कि ऑटो को टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक ने इतनी ज्यादा शराब पी रखी थी कि उसे यही नहीं पता था वह कहां जा रहा है। ड्राइवर नीरज लोधी को ट्रक लेकर माइसेम सीमेंट फैक्ट्री नरसिंहगढ़ जाना था, लेकिन शराब के नशे में होने के कारण वह रास्ता भूल गया था। नरसिंहगढ़ मार्ग पर जाने की जगह वह कटनी मार्ग पर चला गया और ऑटो पर ट्रक चढ़ा दिया। आरोपी ट्रक चालक ने सागर जिले के खुरई में शराब पी थी, जिसके बाद वह करीब 100 किमी ट्रक चलाकर दमोह तक लाया। इस बीच वह सात थाने और दो पुलिस चौकी से होकर गुजरा, लेकिन उसे किसी ने नहीं रोका।
तीन बहनों में दो बहन की मौत
इस हादसे में दो सगी बहनों की भी मौत हो गई जो रिश्ते में देवरानी-जिठानी भी हैं। तीसरी बहन भारती जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। दरअसल, शोभा नगर निवासी राजेश 50 वर्ष और राकेश गुप्ता सगे भाई हैं। इनका विवाह बिलासपुर निवासी होरीलाल गुप्ता की बेटी गीता और गायत्री के साथ हुआ था, जो दोनों आपस में सगी बहनों हैं और शादी के बाद देवरानी-जेठानी भी बन गईं थी। घटना के एक दिन पहले ही घर में श्राद्ध कार्यक्रम में उनकी तीसरी बहन भारती अपने पिता होरीलाल गुप्ता के साथ शामिल होने थी। हादसे में होरीलाल गुप्ता 65 की भी मौत हो गई। भारती का जबलपुर में इलाज चल रहा है। इसके अलावा राजेश गुप्ता 50 वर्ष, पत्नी गीता 42 वर्ष, बेटा शिवा 13 वर्ष, बेटी साक्षी 12 वर्ष समेत पूरा परिवार खत्म हो गया। दूसरे भाई राकेश जो उस समय आटो में नहीं थे, उनकी पत्नी गायत्री 40 वर्ष और दोनों जुड़वा बेटे महेंद्र पांच वर्ष, मोहित पांच वर्ष की मौत हो गई। आटो चालक आलोक गुप्ता भी परिवार का सदस्य है, उसकी भी जान चली गई। आलोक का बेटा बेटा हर्ष अब अनाथ हो गया। उसकी मां की कोरोना काल में मौत हो गई थी। अब उसकी बुजुर्ग दादी ही उसका सहारा हैं। जटाशकंर मुक्तिधाम में एक साथ 8 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि ऑटो चालक आलोक का हटा नाका मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार किया गया है।
नौ लोगों की जान लेने वाले ड्राइवर कौन?
कटनी-दमोह मार्ग पर समन्ना गांव के पास शराब के नशे में ऑटो सवार नौ लोगों को मारने वाला 22 साल का ट्रक चालक नीरज लोधी पिता राजू सिंह लोधी छतरपुर के बक्सवाहा के जुझारपुरा का रने वाल है। वह बचपन से ही शराब पीने का आदी है और एक अपराधी भी है। उसने तीन साल पहले गांव में एक रिकवरी एजेंट से लूट की वारदात को अंजाम दिया था। डेढ़ साल पहले घर में विवाद के चलते उसने जहर भी खा लिया था। उसके पिता राजू सिंह भी ट्रक चालक थे, 16 साल पहले एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद नीरज और उसका छोटा भाई कपिल और उसकी मां संजो बाई साथ में रहते हैं। कपिल और उसकी मां खेती करते हैं। नीरज पिता की तरह गाड़ी चलाना सीख गया था, वह 16 साल की उम्र से ड्राइवरी करता आ रहा है। उम्र कम होने की वजह से उसका लाइसेंस नहीं बन पा रहा था। 18 साल की उम्र में नीरज का लाइसेंस बना और उसने ट्रक चलाना शुरू कर दिया था। वह दमोह की सर्वेस्वर कंपनी में भी दो साल तक ड्रायवर की नौकरी कर चुका है। इसके बाद वह रायपुर चला गया। सात महीने बाद लौटकर आने पर इसी कंपनी में चालक बन गया था।