मंगलवार 1 अक्टूबर 2024 से शेयर बाजार में फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करने पर लगने वाले सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT), टीडीएस रेट (TDS rate), डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024 में किया गया बदलाव लागू होने जा रहा है जिनका जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स से जुड़े कई बदलावों की घोषिणा की थी जो कि एक अक्टूबर 2024 से लागू होने जा रहा है.
सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स में बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए शेयरों के फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स में बढ़ोतरी का एलान किया था. एसटीटी को मौजूदा लेवल 0.1 फीसदी से बढ़ाकर 0.02 फीसदी कर दिया है जो कि एक अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएगा. यानि डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग करने पर निवेशकों को ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. फाइनेंस बिल के पारित होने के साथ ये इनकम टैक्स में ये संशोधन पारित हो गया था.
शेयरों के बायबैक पर टैक्स
1 अक्टूबर 2024 से शेयरों के बायबैक पर शेयर धारकों को शेयरों के सरेंडर करने पर उससे होने वाले मुनाफे पर टैक्स चुकाना होगा जैसे डिविडेंड पर टैक्स देना होता है. निवेशकों को शेयर के खरीदने पर जो लागत आई है उसे ध्यान में रखते हुए कैपिटल गेन या लॉस को ध्यान में रखा जाएगा. इससे निवेशकों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा.
फ्लोटिंग रेट बॉन्ड टीडीएस
बजट में ये एलान किया गया था कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार के बॉन्ड या फ्लेटिंग रेट वाले बॉन्ड पर एक अक्टूबर 2024 से 10 फीसदी के दर से टीडीएस डिडक्ट किया जाएगा जो लागू होने जा रहा है. इस बदलाव के तहत बॉन्ड में निवेश से होने वाली कमाई 10,000 रुपये से ज्यादा है उसपर से 10 फीसदी के दर से टीडीएस का भुगतान करना होगा. लेकिन 10,000 रुपये से कम कमाई होने पर कोई टीडीएस नहीं देना होगा.
टीडीएस रेट्स से जुड़े बदलाव
संसद में फाइनेंस बिल के पारित होने के साथ टीडीएस रेट्स में बदलाव को मंजूरी मिल गई थी जो एक अक्टूबर 2024 से लागू होने जा रहा है. इनकम टैक्स के सेक्शन 19DA, 194H, 194-IB, 194M के तहत टीडीएस रेट को घटाकर 5 फीसदी से 2 फीसदी कर दिया गया है. ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स के लिए टीडीएस रेट को घटाकर 1 फीसदी से 0.1 फीसदी कर दिया है. सीबीडीटी ने एलान किया है कि इनकम टैक्स से जुड़े लंबित मामलों के सेटलमेंट के लिए डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास स्कीम 2024 1 अक्टूबर 2024 से अमल में आ जाएगा.
आधार से जुड़े बदलाव
पैन के गलत इस्तेमाल और डूप्लीकेशन को रोकने के लिए एक अक्टूबर 2024 वो प्रॉविजंस लागू नहीं रहेगा जिसमें इनकम टैक्स रिटर्न या पैन के लिए आवेदन करने पर आधार नंबर की जगह आधार एनरोलमेंट आईडी देने का प्रावधान किया गया था.