महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री बनने की चाहत से इनकार न करते हुए कहा कि वह उपमुख्यमंत्री पद से आगे जा ही नहीं पा रहे हैं. पिछले साल राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) को बांटकर महायुति गठबंधन की सरकार बनाई थी. इस सरकार में उन्होंने रिकॉर्ड 5वीं बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. एक प्राइवेट न्यूज चैनल के कॉन्क्लेव में बोलते हुए अजित पवार ने यह बात कही.
अजित पवार ने कहा कि वह मुख्यमंत्री तो बनना चाहते हैं लेकिन उन्हें चांस ही नहीं मिल पा रहा है. उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचलच मचने वाली है.
आते-आते चली गई थी मुख्यमंत्री की कुर्सी
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि 2004 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद NCP के पास मुख्यमंत्री पद पर कब्जा करने का मौका था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने कांग्रेस के सामने अपना दावा छोड़ दिया. और इस तरह मुख्यमंत्री की कुर्सी आते-आते चली गई.
2004 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP 71 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं, उसकी सहयोगी कांग्रेस 69 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. उस समय कांग्रेस के विलासराव देशमुख प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे.
महायुति गठबंधन के साथ लड़ेंगे चुनाव
इसी साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं. एक ओर महायुति गठबंधन तो दूसरी ओर महाअघाड़ी गठबंधन है. गठबंधन पर बोलते हुए अजित पवार ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव में वह महायुति गठबंधन का साथ नहीं छोड़ेंगे. सीट बंटवारे का फॉर्मूले 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत प्रतिशत के हिसाब से होगा.
कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा चुनाव
अजित पवार ने कहा कि BJP 2019 में जीती सीटों पर चुनाव लड़ेगी. एनसीपी और शिवसेना के लिए भी यही नियम लागू है. इस तरह 200 सीटों पर सीट बंटवारे का फॉर्मूला साफ है. बाकी 88 सीटें सहयोगी दलों में बांटी जाएंगी.