भोपाल : प्रदेश में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 22 लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को पिछले वर्ष निशुल्क पाठ्य पुस्तकें वितरित की गई। स्कूल शिक्षा विभाग की निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना में हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में कक्षा 9वीं से 12वीं तक अध्ययनरत् सभी विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। इस योजना में विभाग ने करीब 100 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान किया था।
स्कूल शिक्षा विभाग में ई-गवर्नेंस और एम-गवर्नेंस
स्कूल शिक्षा विभाग में अकादमिक एवं प्रशासनिक कार्यों में क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग तथा परिणामों की समीक्षा के लिये विभिन्न स्तरों जानकारी की त्वरित उपलब्धता और उनके आधार पर सुधारात्मक कार्यवाही के लिये एजुकेशन पोर्टल को विकसित किया गया है। एजुकेशन पोर्टल पर करीब 4 लाख कर्मचारी एवं शिक्षकों की व्यक्तिगत प्रोफाईल एवं ई-सेवा पुस्तिका का संधारण, सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के ऑनलाईन वेतन देयक तैयार करने की व्यवस्था है। इसी के साथ करीब एक लाख स्कूलों की प्रोफाईल सहित जीआईएस फोटो का डाटा है।
ऑनलाईन शिकायत निवारण के लिये प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था भी है। निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 का क्रियान्वयन एवं ऑनलाईन लॉटरी द्वारा गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग एवं वंचित समूह के बच्चों के निशुल्क प्रवेश की व्यवस्था भी ऑनलाईन प्रक्रिया माध्यम से की जा रही है। शिक्षा का अधिकार अंतर्गत प्राईवेट स्कूलों की मान्यता संबंधी समस्त प्रक्रिया ऑनलाईन की गई है। बच्चों का आधार सत्यापन तथा ऑनलाईन बैंकिंग के माध्यम से सीधे स्कूलों के खातों में राशि भेजने की व्यवस्था भी की गई है। परीक्षा संचालन के लिये ऑनलाईन परीक्षा पोर्टल www.rskmp.in भी बनाया गया है। स्कूलों के निरीक्षण एवं फॉलोअप के लिये ऑनलाईन शाला दर्पण की व्यवस्था की गई है। हाजरी, मोबाईल एप पर आधारित प्रणाली का संचालन भी किया जा रहा है। इसी के साथ निर्माण कार्य मॉनिटरिंग प्रणाली, गणवेश वितरण प्रबंधन प्रणाली और पाठ्य पुस्तक ऑनलाईन ट्रैकिंग प्रणाली भी संचालित हैं।
मोबाईल गवर्नेंस प्लेटफार्म (एम-शिक्षा मित्र)
इंटरनेट युक्त स्मार्ट फोन की सहज उपलब्धता को देखते हुए एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध सभी सुविधाओं और सेवाओं को चरणबद्ध रूप से एप के जरिये उपलब्ध कराने के लिये एनआईसी के सहयोग एम-शिक्षा मित्र एप को एम-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया गया है। इसमें प्रमुख रूप से सभी शालाओं की प्रोफाईल, विद्यार्थियों के नामांकन, पदस्थ शिक्षक, सुविधाएं, अधोसंरचना, लोकेशन, शाला में दर्ज विद्यार्थियों की संख्या ऑनलाईन उपलब्ध कराई गई हैं। इसी प्लेटफार्म में अधिकारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति भी एम-गवर्नेंस से ही दर्ज की जा रही है।