आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान पर आईएमएफ ने दया दिखाते हुए 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दे ही।
इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है। 37 महीने के इस लोन प्रोग्राम को लेकर पाकिस्तान की सरकार ने IMF का आभार जताया है। द
रअसल आईएमएफ की शर्तें ना पूरी कर पाने की वजह से लंबे समय से पाकिस्तान बेलआउट पैकेज के लिए तरस रहा था।
इससे पहले 2019 के ईएफएफ पैकेज से 2022 में पाकिस्तान को कर्ज मिला था। वहीं कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और बदहाल हो गई।
नवंबर 2019 में आईएमएफ ने 1.18 बिलियन डॉलर का कर्ज पाकिस्तान को दिया था। वहीं मई 2023 में पाकिस्तान की जनता खाने को तरसने लगी थी।
महंगाई अपने चरम पर 38 फीसदी पर पहुंच गई थी। खाने-पीने के सामान और तेल की कीमतें आसमान छूने लगी थीं। पाकिस्तान का फॉरेन रिजर्व केवल 3 अरब डॉलर रह गया था।
इसके बाद पाकिस्तान ने आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक सुधार करने शुरू किए। चीन, सऊदी अरब और यूएईस जैसे देशों से मदद मिलने के बाद सितंबर 2024 में पाकिस्तान में महंगाई दर काफी नियंत्रित हो गई है। यह 7.5 फीसदी है जो कि पिछले पांच साल में सबसे कम है।
IMF की शर्तों से निकल जाएगा जनता का तेल
आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज जरूर दे दिया है हालांकि शर्तें ऐसी हैं जो पाकिस्तानी आवाम की जान ले लेंगी। आईएमएफ ने कृषि पर 45 फीसदी इनकम टैक्स और बिजली के दामों में बड़ी बढ़ोतरी जैसी शर्तें रखी हैं।
7 बिलियन डॉलर करीब 58800 करोड़ रुपये के बराबर है। इससे कुछ दिनों के लिए पाकिस्तान को राहत तो मिल सकती है लेकिन यह स्थायी इलाज नहीं है। पाकिस्तान लगातार कर्ज जाल में फंसता चला जा रहा है।
कर्जजाल में फंसा पाकिस्तान
पाकिस्तान पर बाहरी कर्ज इस समय 130 अरब डॉलर का हो गया है। वहीं इसमें से 90 अरब डॉलर का भुगतान अगले तीन साल में करना है।
आईएमएफ ने भी 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया है लेकिन यह केवल 37 महीने के लिए है। पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों के मुताबिक ज्यादा टैक्स कलेक्शन करना होगा जो कि जनता के लिए बुा साबित होगा।
जानकारी के मुताबिक बेलआउट पैकेज की पहली किस्त 1.1 अरब डॉलर की जारी की जाएगी।
1958 से लेकर अब तक यह पाकिस्तान का 25वां आईएमएफ कार्यक्रम है। वहीं छटा एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी है। इस कर्ज पर पाकिस्तान को 5 फीसदी कर्ज देना होगा। पाकिस्तान ने इस कर्ज का क्रेडिट भी सेना प्रमुख आसिम मुनीर को दिया है।
आईएमएफ के इस पैकेज के लिए पाकिस्तान ने पहले ही 1.8 लाख करोड़ के टैक्स बढ़ा दिए हैं। वहीं बिजली की दामों में वृद्धि की गई है।
आईएमफ की शर्तों में घाटे में चल रही इकाइयों को प्राइवेटाइजेशन, टैक्स बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा 30 अक्टूबर तक चार प्रांतों को कृषि आयकर की दरों में बढ़ाना होगा।
ऐसे में कृषि आयकर की दर 15 से बढ़कर 45 फीसदी हो जाएगी। बिजली और गैस पर मिलने वाली सब्सिडी भी कम कर दी जाएगी।
आईएमएफ ने यह भी कहा है कि अगर टैक्स कलेक्शन कम होता है तो सरकार को मिनी बजट लाकर टैक्स वृद्धि करनी होगी।
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