नई दिल्ली । चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट बढ़ा दिए हैं। सेना अब 65 से बढ़ाकर 72 प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग करेगी। एक रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि विभिन्न स्थानों पर गश्त बढ़ा दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार कठिन मौसम की स्थिति और इलाके के बावजूद भारतीय सुरक्षा बल क्षेत्र पर अपना वर्चस्व सुनिश्चित कर रहे हैं।
पीपी-04 और पीपी-65 के बीच भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तनाव कम होने के बाद नए पेट्रोलिंग क्षेत्र की पहचान हुई है। हालांकि दोनों देशों के बीच बफर की मौजूदगी के कारण इन नए गश्ती बिंदुओं तक पहुंचना मुश्किल है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि प्रभावी गश्त सुनिश्चित करने के लिए मार्ग बनाए गए हैं। 2013-14 से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़पें और गतिरोध बढ़े हैं। 2020 में लद्दाख में गतिरोध के कारण हिंसक झड़पें हुईं। इसमें एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तब से सुरक्षा बलों को नई तकनीक, ड्रोन, बुनियादी ढांचे, बलों के बीच बेहतर समन्वय और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (वीवीपी) का उपयोग करके एलएसी के साथ सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केंद्र की हालिया पहल से बेहतर तरीके से सुसज्जित किया गया है।
चीन के साथ 3488 किलोमीटर का बॉर्डर
भारत चीन के साथ 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। इसमें उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच का मध्य क्षेत्र भारत की तरफ और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र चीन की तरफ है। जबकि पूर्वी क्षेत्र अरुणाचल, सिक्किम और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र चीन की तरफ है। लद्दाख चीन के साथ 1,597 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, उसके बाद अरुणाचल (1,126 किलोमीटर) है।