मनेन्द्रगढ़
एमसीबी जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में खाद्य विभाग द्वारा राईस मिलरों की प्रशिक्षण कार्यशाला की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में कुपोषण और एनीमिया जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए फोर्टिफाइड चावल के महत्व पर चर्चा करना था। वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के सीनियर प्रोग्राम एसोसिएट श्री अरुणांशु गुहठकुरता ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुपोषण और एनीमिया एक बड़ी समस्या है, जिसे फोर्टिफाइड चावल के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। इस चावल में विटामिन ए, विटामिन बी 1, विटामिन बी 12 , फोलिक एसिड, आयरन और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का मिश्रण होता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि फोर्टिफाइड चावल पोषण का एक सशक्त स्रोत है, जो बच्चों और महिलाओं में पोषण की कमी को पूरा कर सकता है। राज्य सरकार ने इस चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत वितरित करने की योजना बनाई है, ताकि यह समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंच सके। बैठक में उपस्थित मिलरों से अपील की गई कि वे फोर्टिफाइड चावल के उत्पादन और वितरण में सहयोग करें, जिससे इस पहल को सफल बनाया जा सके। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से छत्तीसगढ़ में कुपोषण और एनीमिया की समस्या को बड़े पैमाने पर नियंत्रित किया जा सकेगा, और समाज को स्वस्थ और समृद्ध बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।