सिंधुदुर्ग जिले के देवगढ़ तालुका की 18 साल की नर्सिंग छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने और उसका अपहरण करने की कोशिश करने के आरोप में वसई के दो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों, एक सीआईएसएफ जवान, एक राज्य रिजर्व पुलिस बल कर्मी और दो सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. छात्रा मंगलवार को कॉलेज से घर लौट रही थी. नशे में धुत और बिना वर्दी के छह लोगों ने छुट्टी ली थी और वसई से किराए की एसयूवी में गोवा जा रहे थे.
छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि शाम करीब 5.30 बजे एसयूवी जामसांडे गांव में मेरे पास रुकी. थोड़ी देर बाद कार चली गई. इस दौरान उन्होंने भद्दे कमेंट्स किए. छात्रा के मुताबिक, वे वापस आए और कार से उतर गए. फिर मुझे जबरन कार की ओर खींचने लगे. जब छात्रा ने चिल्लाकर राहगीरों को सचेत किया, तो आरोपी सहमे, लेकिन तब तक पहुंची भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी और पुलिस को इसकी जानकारी दी.
आरोपियों में से पांच नांदेड़, जबकि एक बदलापुर का रहने वाला है
मीरा-भायंदर वसई-विरार कमिश्नरेट (MBVV) ने वसई ट्रैफिक कांस्टेबल हरिराम गिथे (34) और प्रवीण रानाडे (33) को गुरुवार को ड्यूटी में लापरवाही बरतने और पुलिस बल की सार्वजनिक छवि खराब करने के आरोप में निलंबित कर दिया. एक सूत्र ने बताया कि हरिराम, प्रवीण, माधव केंद्रे (32), श्याम गिथे (32), सतवा केंद्रे (32) और शंकर गिथे (33) के खून में अल्कोहल की मात्रा का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच की गई है. एसयूवी को जब्त कर लिया गया है. आरोपियों में से पांच नांदेड़ जिले के हैं, जबकि एक ठाणे के बदलापुर का रहने वाला है.
नाबालिग छात्रा की पुलिस शिकायत के अनुसार, शाम करीब 5.30 बजे, हरिराम ने जमसांडे गांव में राज्य परिवहन बस डिपो के पास एसयूवी रोकी और पता पूछने के बहाने उसके पास पहुंचा. लड़की के दूर जाने की कोशिश करने के बावजूद, हरिराम ने उसका पीछा किया और अश्लील टिप्पणी करते हुए उसे वसई चलने का सुझाव दिया. स्थिति तब और बिगड़ गई जब अन्य पांच लोग एसयूवी से बाहर निकल आए और उनमें से एक ने कथित तौर पर दूसरों से उसे कार में डालने के लिए कहा.