रायपुर
जिले में नल जल योजना के तहत हर घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने की बात सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कलेक्टोरेट परिसर के रेड क्रॉस में आयोजित जिला पंचायत की समान्य सभा में कही। इस बैठक में उन्होंने जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और ठेकेदारों के बीच समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जल हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। इस योजना के तहत हमें सुनिश्चित करना है कि हर परिवार को शुद्ध और पर्याप्त जल उपलब्ध हो। उन्होंने ठेकेदारों को चेतावनी दी कि यदि वे अपने कार्य को समय पर पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं का सही क्रियान्वयन और पारदर्शिता बेहद आवश्यक है, जिससे कि जनता का विश्वास बना रहे। सांसद ने कहा, कि ऐसे शालाओं की सूची तैयार की जाए, जिसमें अनिवार्य विषय गणित, जीवविज्ञान, साइंस और आर्टस संचालित नहीं है। इसके लिए शासन को पत्र लिखकर इन विषयों को पढाया जा सके। इसके अलावा बीज निगम द्वारा टंडवा ग्राम पंचायत में बीज निगम द्वारा अमानक बीज की सप्लाई को लेकर सांसद श्री अग्रवाल ने 106 किसानों को नियमानुसार मुआवजे और बीमा की राशि दिए जाने साथ दोषियों पर कार्रवाई का निर्देष दिया। बैठक में जैविक खेती को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जैविक खेती से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। उन्होंने कृषि विभाग से आग्रह किया कि वे किसानों को जैविक खेती के तरीकों के बारे में जागरूक करें और उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करें।
इस अवसर पर विधायक श्री अनुज शर्मा ने ठेकेदारों की कार्यप्रणाली पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा हमारे जिले में कई ठेकेदार हैं जो अपने कार्य को अधूरा छोड़ देते हैं। ऐसे ठेकेदारों को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। निगरानी की जाए और जो लोग अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहे साथ ही जिले में अपराध नियंत्रण को लेकर आबकारी विभाग के अधिकारियों को कहा कि अवैध शराब की ब्रिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। इसके लिए पुलिस विभाग की मदद से ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए। जो इसमें संलिप्त पाए जाते हैं। विधायक श्री गुरू खुशवंत साहेब ने भी नलजल योजना का सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने की बात कही। साथ ही जैविक खेती पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को जैविक खेती के लाभों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए हमें कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए और सफल जैविक किसानों के अनुभव साझा करने चाहिए।