न्यूयॉर्क। गाजा युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले संबोधन में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मध्य पूर्व में संघर्ष के लिए ईरान को मुख्य किरदार के रूप में चित्रित किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान दो मैप प्रदर्शित किए, जिसमें देशों के एक समूह को अभिशाप और दूसरे समूह को आशीर्वाद के रूप में दिखाया गया। उनकी यह तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है।
दिलचस्प यह है कि दोनों मानचित्रों में फिलिस्तीनी क्षेत्रों- वेस्ट बैंक और गाजा को इजरायल के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। वायरल तस्वीर में नेतन्याहू के दाहिने हाथ के नक्शे में ईरान, इराक, सीरिया और यमन को काले रंग में दिखाया गया है और उन्हें अभिशाप यानी द कर्स करार दिया गया है। जबकि बाएं हाथ के मानचित्र में मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और भारत को हरे रंग में चित्रित किया गया है और इन देशों को आशीर्वाद यानी द ब्लेसिंग बताया गया है।
नेतन्याहू द्वारा दिखाए गए मैप में सीरिया के गोलान हाइट्स क्षेत्र को भी इजरायल का हिस्सा दिखाया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रॉप्स का उपयोग करने का इतिहास रखने वाले नेतन्याहू के इस कदम को पड़ोसी अरब देशों के साथ अपने बढ़ते संबंधों पर जोर देने के इजरायल के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर, 2024 को इजरायल पर हमास के हमले की निंदा करने वाले पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे। हालांकि, भारत ने क्षेत्र में पूर्ण युद्धविराम का आह्वान किया है और इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के स्थायी समाधान लिए टू स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन किया है।
नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में द कर्स और द ब्लेसिंग वाले मैप लहराते हुए कहा कि दुनिया को आशीर्वाद और अभिशाप के बीच चयन करना चाहिए। नेतन्याहू ने ईरान पर निशाना साधा और उस पर चरमपंथी संगठनों को हथियार व मदद देने का आरोप लगाया। उन्होंने दुनिया से इसतरह के देशों का तुष्टिकरण बंद करने का आग्रह किया। नेतन्याहू ने कहा, तेहरान के लिए मेरा एक संदेश है, अगर तुम हम पर हमला करते हो, तब हम तुम पर हमला करेंगे। ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां इजरायल न पहुंच सके, और यह पूरे मध्य पूर्व के लिए सच है।
इजरायल द्वारा लेबनान में हिज्बुल्लाह के गढ़ों पर भारी बमबारी के साथ मध्य पूर्व संकट गहरा गया है। नेतन्याहू ने साफ शब्दों में फिलिस्तीन को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इजरायल दुनिया में शांति चाहता है। इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, फिलिस्तीनियों को यहूदियों के प्रति घृणा फैलाना बंद करना चाहिए और इजरायल के साथ समझौता करना चाहिए। इस साल जुलाई में ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के पॉलिटिकल विंग के प्रमुख इस्माइल हनियेह की हत्या के बाद से इजरायल और उसके कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान के बीच खुले संघर्ष का खतरा बढ़ रहा है।