इजरायल द्वारा बेरूत पर किए गए हमलों में ईरान समर्थित लेबनानी समूह हिजबुल्लाह के प्रमुख की हत्या की खबर सामने आते ही ईरान का सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को अपनी जान की फिक्र होने लगी है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच ईरान के अंदर एक सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।
इससे पहले रॉयटर्स ने कहा था कि ईरान के कुलीन रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स, जो इस्लामी गणराज्य के वैचारिक संरक्षक हैं, ने हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए गए हजारों पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट होने के बाद सभी सदस्यों को किसी भी प्रकार के संचार उपकरणों का उपयोग बंद करने का आदेश दिया था।
लेबनान और हिजबुल्लाह का कहना है कि पेजर और वॉकी-टॉकी हमलों के पीछे इजरायल का हाथ था। हालांकि, इजरायल ने न तो इनकार किया और न ही इसमें शामिल होने की पुष्टि की है।
तेहरान के दो क्षेत्रीय अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि ईरान नसरल्लाह की हत्या के बाद अगला कदम तय करने के लिए हिजबुल्लाह और अन्य क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों के संपर्क में है। मामले की संवेदनशीलता के कारण सूत्रों ने पहचान बताने से इनकार कर दिया है।
ईरानी मीडिया ने शनिवार को बताया कि नसरल्लाह की हत्या के साथ-साथ शुक्रवार को बेरूत पर इजरायल द्वारा किए गए हमलों में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर अब्बास निलफोरुशन की भी मौत हो गई।
पिछले साल गाजा युद्ध शुरू होने और अन्य जगहों पर हिंसा भड़कने के बाद से रिवोल्यूशनरी गार्ड के अन्य कमांडर भी मारे गए हैं।
नसरल्लाह की हत्या की इजरायल की घोषणा के बाद खामेनेई ने शनिवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया: “इस क्षेत्र का भाग्य प्रतिरोध की ताकतों द्वारा निर्धारित किया जाएगा, जिसमें हिजबुल्लाह सबसे आगे होगा।”
उन्होंने एक अलग बयान में कहा कि शहीद के खून का बदला लिया जाएगाष।
आपको बता दें कि नसरल्लाह की मौत ईरान के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इससे एक प्रभावशाली सहयोगी छिन गया है। उसने अरब जगत में तेहरान के सहयोगी समूहों के समूह के रूप में हिजबुल्लाह को स्थापित करने में मदद की थी।
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