मुम्बई। अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में नीलामी में खरीदे जाने के बाद उपलब्ध नहीं रहने वाले विदेशी खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगेगा। आईपीएल जनरल काउंसिल (आईपीएल जीसी) ने नीलामी में चुने जाने के बाद बिना किसी वैध कारण के नहीं खेलने वाले विदेश खिलाड़ियों पर दो साल का प्रतिबंध लगेगा। हालांकि चोटिल होने या किसी और आवश्यक कार्य से बाहर रहने वाले खिलाड़ियों पर कार्रवाई नहीं होगी।
आईपीएल जीसी की ओर से कहा गया, कोई भी खिलाड़ी जो नीलामी के लिए पंजीकरण करता है और नीलामी में चुने जाने के बाद सत्र की शुरुआत से पहले अपने को उपलब्ध नहीं बताता है तो उसे दो सत्र के लिए नीलामी में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। वहीं अनफिट होने पर उसकी पुष्टि उसके घरेल बोर्ड को करनी होगी तभी उसे सही माना जाएगा। प्रतिबंध के अलावा आईपीएल ने मिनी-नीलामी में खिलाड़ियों की फीस को विनियमित करने के लिए भी उपाय पेश किए हैं। विदेशी खिलाड़ियों को अब बाद की मिनी नीलामी में शामिल होन के लिए मेगा नीलामी में पंजीकरण करना होगा। यह नियम खिलाड़ियों को मिनी नीलामी में संभावित रूप से उच्च बोली हासिल करने के लिए मेगा नीलामी को छोड़ने से रोकता है।
आईपीएल ने मिनी-नीलामी में विदेशी खिलाड़ियों के लिए अधिकतम शुल्क भी लागू किया है। यह सीमा 18 करोड़ रुपए की उच्चतम प्रतिधारण कीमत या पिछली मेगा नीलामी से उच्चतम नीलामी मूल्य, जो भी कम हो उस पर निर्धारित की जाएगी। इसका उद्देश्य मिनी नीलामी में खिलाड़ियों की कीमतों में वृद्धि को रोकना है, जहां टीमें अक्सर विशिष्ट स्क्वाड अंतराल को भरने के लिए प्रीमियम दरों का भुगतान करती हैं।