:भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स जून से ही अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं।
उनके साथ नासा के एक और एस्ट्रोनॉट बुच विल्मोर हैं। दोनों अगले साल फरवरी में धरती पर वापस आ पाएंगे। दोनों एस्ट्रोनॉट्स को लेने के लिए स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन सक्सेसफुल लॉन्च कर दिया गया है।
इसी स्पेसक्राफ्ट के जरिए दोनों की वापसी होगी। मिशन की लॉन्चिंग तो सक्सेसफुल रही, लेकिन फॉल्कन-9 रॉकेट के सेकंड स्टेज में एक दिक्कत आ गई, लेकिन यह ज्यादा परेशान करने वाली नहीं है और सुनीता व बुच विल्मोर की वापसी इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होगी।
स्पेसएक्स ने उस तकनीकी दिक्कत के बारे में बताते हुए कहा कि क्रू-9 की सफल लॉन्चिंग के बाद फॉल्कन 9 के दूसरे स्टेज को योजना के अनुसार समुद्र में उतारा गया, लेकिन इसमें ऑफ-नॉमिनल डीऑर्बिट बर्न हुआ।
इस वजह से दूसरा स्टेज सुरक्षित रूप से समुद्र में तो उतरा, लेकिन जो टारगेटेड इलाका था, उससे बाहर इसने लैंड किया। नासा और स्पेसएक्स इसकी मूल वजह ढूंढ रहे हैं और इससे जानने के बाद भविष्य की लॉन्चिंग करेंगे।
फॉल्कन-9 के दूसरे स्टेज में दिक्कत आने के बाद भी नासा के अधिकारी पूरी तरह से अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए आशान्वित हैं।
लॉन्चिंग के बाद नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा कि हम अन्वेषण के एक रोमांचक दौर में हैं। हालांकि, फॉल्कन-9 मुद्दे की जांच महत्वपूर्ण होगी क्योंकि दोनों एजेंसियों का लक्ष्य भविष्य के मिशनों में सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
बता दें कि सुनीता और विल्मोर जून के पहले हफ्ते में अंतरिक्ष में पहुंचे थे, जहां दोनों को हफ्तेभर तक रुकना था, लेकिन दोनों बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से गए थे, जिसमें तकनीकी दिक्कत आ गई।
इसी वजह से अब तक 100 दिनों से ज्यादा हो गए, लेकिन दोनों वहीं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही हैं।
नासा और स्पेसएक्स ने मिलकर क्रू-9 मिशन लॉन्च किया है, जिसमें दो एस्ट्रोनॉट्स जा रहे हैं और इसी स्पेसक्राफ्ट से सुनीता और विल्मोर अगले साल फरवरी में वापस आ जाएंगे।
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