बच्चे अगर किसी फील्ड में आगे बढ़ते हैं तो मां-बाप को उससे खुशी मिलती है. लेकिन, महिला T20 वर्ल्ड कप 2024 में अपने देश बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व कर रही मारूफा अख्तर की कहानी ऐसी नहीं है. वो महिला T20 वर्ल्ड कप 2024 में देश की उम्मीद बनकर तो उतरी हैं पर बड़ा सवाल ये है कि क्या उनकी मां इससे खुश हैं? शायद नहीं क्योंकि एक इंटरव्यू में खुद मारूफा ही इस बारे में बता चुकी हैं कि उनकी मां को अब भी उनका क्रिकेट खेलना पसंद नहीं है.
4 भाई-बहनों में सबसे छोटी
बांग्लादेश की मिडियम पेसर मारूफा अख्तर एक सामान्य परिवार से आती हैं. उनके पिता किसान हैं और मां हाउसवाइफ. वो अपने 4 भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. मारूफा को जब क्रिकेटर बनने की हसरत हुई उन्हें उनकी माता-पिता ने सपोर्ट नहीं किया. आज जबकि वो बांग्लादेश की महिला क्रिकेट टीम की एक जाना-माना नाम बन चुकी हैं, फिर भी उनकी मां की तमन्ना यही होती है कि बेटी क्रिकेट छोड़ दे.
मां अब भी नहीं चाहती कि मैं क्रिकेट खेलूं
मारूफा अख्तर ने दिए इंटरव्यू में बताया है कि उनकी मां को अब भी उनका क्रिकेट खेलना पसंद नहीं हैं. वो चाहती हैं कि बाकी लड़कियों की तरह मैं भी घर पर ही बैठूं. मां को तो मंजूर नहीं था लेकिन बेटी ने क्रिकेटर बनने की ठान ली थी, सो वो बन गई. इस सफर में मारूफा को अपने बड़े भाइयों का भी पूरा साथ मिला.
भाई ने किया सपोर्ट और बन गई क्रिकेटर
मारूफा अख्तर को बचपन से ही खेलने-कूदने का शौक था. बचपन में वो लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं. कई बार लड़के उन्हें साथ में फुटबॉल खिलाने से मना भी कर देते थे. वे उन्हें चिढ़ाते भी थे. ऐसे में जब मारूफा के बड़े भाई अल अमीन इस्लाम ने खेल के लिए उनका जुनून देखा तो उन्होंने उन्हें समझाया और कहा कि अगर खेलना ही है तो क्रिकेट खेलो. फुटबॉल में पैर टूटने का खतरा है. मारूफा ने अपने बड़े भाई की सलाह मान ली, जिन्होंने उनका एक लोकल एकेडमी में दाखिला करा दिया, जहां से मारूफा ने क्रिकेट का ककहरा सीखना शुरू कर दिया.
T20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश की उम्मीद
भले ही मां से थोड़ी बगावत करनी पड़ी लेकिन भाई से जो सपोर्ट मिला, उससे मारूफा अपने सपने को साकार करने में कामयाब रही. 19 साल की मारूफा अख्तर अब तक बांग्लादेश के लिए 26 T20 मैच खेल चुकी हैं, जिसमें उसने 18 विकेट हासिल किए हैं. बांग्लादेश को महिला T20 वर्ल्ड कप 2024 में भी मारूफा से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी.