ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ता तनाव पश्चिम एशिया में नई जंग की दस्तक दे रहा है।
ईरान बीते 1 अक्टूबर को इजरायली धरती को दहला चुका है और इजरायल ईरान को जवाब देने की तैयारी कर रहा है। इजरायली सूत्रों का कहना है कि सेना हमले के लिए तैयार है और टारगेट भी तय किए जा चुके हैं।
जल्द ही ईरान पर हमला हो सकता है। इस बीच ईरान में पढ़ रहे सैकड़ों कश्मीरियों के परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने बताया कि मध्य पूर्व में युद्ध का दायरा बढ़ने के बाद हो रहे घटनाक्रम बेहद परेशान करने वाले हैं।
ईरान में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों कश्मीरी युवकों के परिवार के सदस्य अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं, क्योंकि पश्चिम एशिया पूर्ण युद्ध के कगार पर है और कई लोग अब अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए वहां भेजने से कतराने लगे हैं।
ईरान को एमबीबीएस समेत अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर होने वाले खर्च के लिहाज से अनुकूल है और कश्मीर के सैकड़ों छात्र वहां विभिन्न कॉलेजों में दाखिला लेना पसंद करते हैं।
ऐसे छात्रों के परिवार इजराइल-हिज्बुल्ला संघर्ष और इजराइल-हमास युद्ध का दायरा बढ़ने के घटनाक्रमों को लेकर बहुत परेशान हैं।
एक अक्टूबर को ईरान ने इजराइल पर करीब 200 मिसाइल दागीं। ईरान ने यह मिसाइल इजराइल द्वारा हिज्बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला और चरमपंथी संगठन के अन्य कमांडर को मारने के जवाब में दागीं।
ईरान की कार्रवाई के बाद, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान को इसकी ‘‘कीमत चुकानी’’ पड़ेगी।
अपनों की सुरक्षा को रोज कर रहे प्रार्थनाएं
श्रीनगर के अंदरूनी इलाके सैदा कादल के निवासी एजाज अहमद हाजी ने कहा कि उनके भाई – इमरान हुसैन और बिलाल अहमद – ईरान में धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले चार दिनों से भाइयों से बात नहीं की है और मैं चिंतित हूं। विदेश में रह रहे अपने नागरिकों को सकुशल रखना भारत सरकार की जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा, “मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मेरे भाई सुरक्षित रहें और मैं ईरान के लोगों के लिए भी प्रार्थना करता हूं।’’
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