शराब घोटाला : कांग्रेस और भाजपा भ्रष्टाचार की जननी-सूरज उपाध्याय
रायपुर, 12 जुलाई 2025। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार में हुए बड़े शराब घोटाले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी मामले में और बड़े नाम सामने आयेंगे, कांग्रेस और भाजपा दोनों भ्रष्टाचार के जन्मदाता हैं। उन्होंने बताया कि जब 29 जून 2025 को EOW ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी जिसमें 29 आबकारी अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था,जिनमें से 7 रिटायर्ड और 22 पदस्थ अधिकारी थे, तब बड़े नामों की संलिप्तता क्यों छुपा दी गयी थी जबकि मामले में ED के अधीन मनी लाँड्रिंग के तहत जांच कर रही है और जिसमें पूर्व CM भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य के नाम भी आ रहें हैं। घोटाले में अधिकारी तो सिर्फ अपने नेताओं के आदेश का पालन कर रहे थे,जबकि जो दुकानों में शराब आती थी उनके व्यापारी तो नेताओं से सेटिंग कर माल भेज रहे थे।क्या बड़े लोगों का नाम छुपाया जा रहा है?
प्रदेश महासचिव (सोशल मीडिया, मीडिया प्रभारी),मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा कि इस घोटाले को किस तरह 2019–2023 के बीच अंजाम दिया गया जिसमें 15 जिलों में “B‑part” यानी बिना शुल्क की गयी अतिरिक्त देशी शराब सरकारी दुकानों में बेची गई। असली होलोग्राम के साथ नकली होलोग्राम भी एक साथ प्रिंट होता था। घोटाले में लगभग 22 सक्रिय आबकारी अधिकारी निलंबित हो चुके हैं; इनमें असिस्टेंट कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट एक्साइज अफसर आदि शामिल हैं।अब तक 13 व्यक्ति गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें पूर्व MLA और कांग्रेस के पूर्व मंत्री कवासी लखमा, पूर्व IAS अनिल तुतेजा, कारोबारी अनवर ढेबर तथा विजय भाटिया प्रमुख हैं
प्रदेश मीडिया प्रभारी मिहिर कुर्मी व प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार में हुए 3200 करोड़ के शराब घोटाले में करीब 88 करोड़ रुपए का कमीशन पाने निलंबित अधिकारियों में आबकारी आयुक्त अनिमेष नेताम,अरविंद कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर और विजय सेन शर्मा सहित आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन खंडूजा, प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक,आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलेख राम सिदार और सोनल नेताम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत निलंबित किया गया है। इन सभी को प्रति पेटी में औसतन 3.36% कमीशन मिलता था। इसमें सात अफसर ऐसे भी हैं जो रिटायर हो गए हैं और एक ही मौत हो गई है।आबकारी उपायुक्त को हर महीने लगभग 2 लाख, सहायक उपायुक्त को 1.50 लाख, जिला
आबकारी अधिकारी को 1.25 लाख और सहायक आबकारी अधिकारी को 1 लाख रुपए सैलरी मिलती है,100% पैसा बेहद हिसाब से बंटता एक-एक पेटी की गिनती होती थी।
रायपुर लोकसभा अध्यक्ष अज़ीम खान, महासचिव प्रदुमन शर्मा व लोकसभा कोषाध्यक्ष नवनीत नंदेने कहा कि आबकारी घोटाला इतने सिस्टम से किया जाता था इसे देखकर जांच करने वाले अफसर भी हैरान हैं। डिस्टलरी से कितनी पेटी निकली, कितने नकली होलोग्राम बने, किस दुकान से कितनी पेटी बेची गई इसका पूरा हिसाब रखा जाता था। एक- एक पेटी का कमीशन जोड़ा जाता था। डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर और शराब दुकानों से हर महीने इसकी बैलेंसशीट आती । इसी शीट के अनुसार नीचे से ऊपर तक पैसा जाता। सभी के पास कैश ही पहुंचता था। यह पूरा सिस्टम “Excise Syndicate” द्वारा संचालित था, जिसमें अधिकारी, व्यापारी, और डिस्ट्रिब्यूटर्स शामिल थे।
प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा झा और प्रदेश सह सचिव अनुषा जोसेफ ने कहा कि छत्तीसगढ़ की भ्रष्ट कांग्रेस का चाल,चरित्र और चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो चुका है।
रायपुर शहर अध्यक्ष पुनारद निषाद, उपाध्यक्ष मिथलेश साहू ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार से मात्र डेढ़ साल में ही जनता त्रस्त हो चुकी है,प्रदेश में 67 नयी शराब दुकान क्यों खोली गयी, क्या इसमें भी नेताओं द्वारा कुछ खेल खेला जा रहा है! जनता अब राज्य में किसी तीसरे विकल्प की तलाश में है जो ईमानदार और जनहित कार्यों को करने वाली पार्टी हो जिसमें आम आदमी पार्टी जनता के उम्मीदों पर खरा उतरेगी।