रायपुर
छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी जीत बृजमोहन अग्रवाल ने दर्ज की है। 5 लाख 75 हजार 285 वोटों के विशाल अंतर से जीत दर्ज करने वाले बृजमोहन अग्रवाल विधानसभा चुनावों में भी अजेय रहे हैं। पहली बार लोकसभा चुनाव की टिकट मिलने के बाद से ही तय हो गया था कि मोहन भैया कम से कम पांच लाख वोटों के अंतर से जीतेंगे। पूरे प्रदेश में यही उम्मीद जताई जा रही थी। उम्मीदों पर खरे उतरे बृजमोहन।
दरअसल, बृजमोहन कभी भी चुनावी लड़ने की नीयत से राजनीति नहीं करते। उनकी राजनीति का अंदाज ही अलग है। अंदाज ऐसा है कि विरोधी दल के कई प्रमुख नेता भी बृजमोहन अग्रवाल के लिए ही चुनाव प्रचार करते हैं। संकट के समय आम नागरिकों से लेकर राजनीतिक दलों के लोगों के काम करना और ऐसा करके अपना मुरीद बना लेना बृजमोहन अग्रवाल की सबसे बड़ी खूबी है। यही खूबी उन्हें अजेय बनाती है। यही विशिष्टता उन्हें पांच लाख 75 हजार 285 वोटों के विशाल अंतर से जीत दिलाती है।
बृजमोहन न सिर्फ आम लोगों के संकटमोचक बनते रहे हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा के उदय के बाद से ही सबसे सशक्त ध्वजवाहक रहे हैं। राज्य निर्माण के बाद से विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत की रणनीति तय करने से लेकर पार्टी के लिए हर चुनौती को परास्त करने में महारथ हासिल करते रहे हैं। उपचुनावों में भी जब-जब भाजपा के लिए चुनौती सामने आई, बृजमोहन अग्रवाल ने संकटमोचक की भूमिका बखूबी निभाई। राजनीतिक लिहाज से विलक्षण प्रतिभा के धनी बृजमोहन की राजनीति से उनके विरोधी घबराते हैं।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में करीब पांच दशक के राजनीतिक सफर के बाद अब दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में बृजमोहन गरजेंगे। संसद में आवाज बुलंद करेंगे। उनके राजनीतिक कद, अजेय बने रहने का दमखम और राजनीतिक सूझबूझ के सभी कायल रहे हैं। देखना ये है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस दमदार और अनुभवी नेता का किस रूप में उपयोग करता है। फिलहाल, राजनीतिक गलियारों में उम्मीद जताई जा रही है कि बृजमोहन केवल एक सांसद के रूप में नहीं रहेंगे, बल्कि उनकी राजनीति एक नए मुकाम को हासिल करेगी।
ये हैं देश के सबसे बड़ी लीड से जीतने वाले नेता
(अब तक मिली जानकारी के अनुसार )
1. इंदौर – शंकर लालवानी (मध्यप्रदेश, भाजपा)
2. धुबरी – रकीबुल हुसैन (असम, कॉंग्रेस)
3. विदिशा – शिवराज सिंह चौहान (मध्यप्रदेश, भाजपा)
4. नवसारी – सीआर पाटिल (गुजरात, भाजपा)
5. गांधी नगर – अमित शाह (गुजरात, भाजपा)
6. डाइमंड हार्बर – अभिषेक बैनर्जी (पश्चिम बंगाल, तृणमूल कॉंग्रेस)
7. त्रिपुरा – विपलव देब ( त्रिपुरा, भाजपा)
8. वडोदरा – डॉ हेमंग जोशी ( गुजरात, भाजपा)
9. रायपुर – बृजमोहन अग्रवाल ( छत्तीसगढ़, भाजपा )
10. गौतम बुद्ध नगर – डॉ महेश शर्मा (उत्तर प्रदेश, भाजपा)