नई दिल्ली । दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि परिचालन को अनुकूल एवं सुगम बनाने के लिए दिल्ली हवाई अड्डा सरकार-के भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) और एक अंतरराष्ट्रीय सलाहकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। इससे रनवे क्षमता तीन साल में करीब 30 प्रतिशत तक बढ़ाकर प्रति घंटे 110 आवाजाही की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डा अगले 6 से 12 महीनों में अपनी अंतर्राष्ट्रीय यात्री प्रबंधन क्षमता को 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहता है क्योंकि घरेलू-से-अंतर्राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय-से-अंतर्राष्ट्रीय पारगमन यातायात तेजी से बढ़ रहा है। दिल्ली हवाई अड्डे से इस समय सालाना 10 करोड़ से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही होती है। इस क्षमता का करीब 82-83 प्रतिशत घरेलू उड़ानों के लिए है जबकि शेष अंतरराष्ट्रीय सेवाओं के लिए। जीएमआर समूह के नेतृत्व वाला डायल भारत के सबसे बड़े दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का परिचालन करता है। इस हवाईड्डे पर व्यस्त समय के दौरान हर घंटे 84 विमानों की आवाजाही होती है। उन्होंने कहा कि हमारे पास चार रनवे हैं। हम अपना परिचालन सुगम बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सलाहकार और एएआई के साथ काम कर रहे हैं। 2-3 वर्षों में हमारी अधिकतम रनवे क्षमता प्रति घंटे लगभग 110 विमानों की आवाजाही तक पहुंच जाएगी। यह हवाई अड्डा हर दिन एयरलाइनों के लिए 1,500 स्लॉट की पेशकश करता है और संचालन सुगम बनाए जाने के बाद यह संख्या बढ़कर 2,000 से ज्यादा हो जाएगी। एयरपोर्ट स्लॉट किसी विमान के हवाई अड्डे पर उतरने या रवाना होने के लिए निर्धारित विशेष समय होता है। उन्होंने कहा कि डायल गुरुग्राम और दिल्ली हवाई अड्डे के बीच कनेक्टिविटी सुधारने के लिए दिल्ली और हरियाणा की सरकारों के साथ भी काम कर रहा है। दिल्ली हवाई अड्डा, एयरपोर्ट ऑपरेशंस सेंटर (एपीओसी) में एक एआई इंजन स्थापित कर रहा है, जो यात्रियों की आवाजाही का अध्ययन करेगा और एयरलाइन, आव्रजन कर्मियों, सुरक्षा कर्मियों और अन्य को सूचित करेगा ताकि वे तुरंत अपने कर्मचारियों की संख्या में बदलाव कर सकें। चूंकि दिल्ली हवाई अड्डा विमानन केंद्र बनना चाहता है, इसलिए वह टी3 टर्मिनल के ठीक बाहर एक होटल भी विकसित कर रहा है।