बलौदाबाजार
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सोमवार को सतनामी समाज के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद मंगलवार तड़के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और राज्य के दो मंत्रियों ने शहर का दौरा किया।
धार्मिक स्तंभ ‘जैतखाम’ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सोमवार को सतनामी समाज ने आंदोलन किया था। इस दौरान भीड़ ने सरकारी कार्यालयों, दो दर्जन कारों और 70 से अधिक दोपहिया वाहनों में आग लगा दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री शर्मा ने अधिकारियों को आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। शर्मा के पास गृह विभाग भी है।
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ के पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में 15-16 मई की दरमियानी रात में अज्ञात लोगों ने पवित्र अमर गुफा के पास स्थित ‘जैतखाम’ में तोड़फोड़ किया था।
सतनामी समाज पवित्र प्रतीक के रूप में ‘जैतखाम’ की पूजा करता है।
घटना के विरोध में सतनामी समाज ने सोमवार को दशहरा मैदान में प्रदर्शन करने और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था।
सोमवार को हुई हिंसा के बाद बलौदाबाजार-भाटापारा जिला प्रशासन ने 16 जून तक बलौदाबाजार शहर में धारा 144 लागू कर दी जिसके तहत चार या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है।
हिंसक प्रदर्शन के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए उपमुख्यमंत्री शर्मा, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल आज जिला कार्यालय परिसर पहुंचे।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में शर्मा ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने अधिकारियों को आगजनी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
शर्मा ने कहा, ”बड़ी संख्या में वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया है और आग लगाई गई है। इनमें से कई वाहन गरीब लोगों और सरकारी कार्यालय में काम के लिए आए अधिकारियों के हैं। सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया है। रिकॉर्ड रूम में कई दस्तावेज जलाए गए हैं। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले समाज के नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, ”पिछले महीने अमर गुफा में ‘जैतखाम’ को क्षतिग्रस्त किया गया था। उस घटना में पुलिस जांच से असंतुष्ट समाज के लोगों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। चर्चा के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर न्यायिक जांच के आदेश दिए गए। सतनामी समाज के लोगों ने भी इस पर संतोष जताया था और कहा था कि वे मुख्यमंत्री को, आभार व्यक्त करते हुए ज्ञापन सौंपेंगे।”
शर्मा ने कहा कि सोमवार को प्रदर्शन के दौरान कुछ असामाजिक तत्व भीड़ में शामिल हो गए और आगजनी की। उन्होंने कहा कि पुलिस इसकी जांच कर रही है और आगजनी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने सोमवार को कहा था कि सतनामी समाज ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन प्रदर्शन हिंसक हो गया।
कुमार ने बताया, ”प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और बैरिकेड्स तोड़कर कलेक्ट्रेट में घुस गए। उन्होंने कार्यालय भवन पर पथराव किया और वहां खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। वे कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए, कई कारों और दोपहिया वाहनों के साथ-साथ भवन में आग लगा दी। उन्होंने एक अन्य स्थान पर स्थित सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय पर पथराव किया और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए।”
वीडियो में कई मोटरसाइकिल, कारें और कलेक्ट्रेट में पुलिस अधीक्षक कार्यालय की इमारत में आग की लपटें देखी जा सकती हैं।
भीड़ ने एक दमकल वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, भीड़ में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने जैतखाम के अपमान में कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने जैतखाम को नुकसान पहुंचाने की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है। यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है।