रविवार (9 जून) को देश में नई सरकार का गठन हो गया। वाराणसी से सांसद चुने गए नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कुल 72 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथग्रहण के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद सहयोगियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया। मंगलवार को मंत्रियों ने अपना कार्यभार भी संभाल लिया।
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इस बीच, एडीआर ने नई मंत्रिपरिषद में को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार, नए मंत्रियों में से 99 प्रतिशत करोड़पति हैं और इनकी औसत संपत्ति 107 करोड़ रुपये है। एडीआर ने रिपोर्ट में कहा कि नई मंत्रिपरिषद में 11 12वीं पास हैं और 57 स्नातक या उससे ऊपर हैं। नई मंत्रिपरिषद में 66 प्रतिशत मंत्री 51-70 वर्ष की आयु के हैं। इसके अलावा नई सरकार के 28 मंत्रियों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
आइये जानते हैं कि मोदी की तीसरी कैबिनेट कैसी है?सबसे युवा, सबसे उम्रदराज, सबसे पढ़े-लिखे, सबसे कम पढ़े-लिखे मंत्री कौन हैं? 2014 और 2019 के मुकाबले कितनी अलग है 2024 की मोदी कैबिनेट? औसत उम्र कितनी बढ़ी या घटी, पढ़े-लिखे कितने बढ़े या घटे, करोड़पति कितने बढ़े या घटे?
ऐसी थी नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट
26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। नरेंद्र मोदी के साथ कुल 45 अन्य मंत्रियों ने भी इस दिन शपथ ली थी। इनमें से 23 कैबिनेट और 10 स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और 12 राज्य मंत्री शामिल थे। इन मंत्रियों में आठ ने अपने चुनावी हलफनामे में जानकारी दी थी कि वो 12वीं पास या उससे कम पढ़े हैं। वहीं, बाकी 38 ने स्नातक या इससे ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले थे। इनमें प्रकाश जावड़ेकर और निर्मला सीतारमण भी शामिल थे। ये दोनों उस वक्त किसी सदन का सदस्य नहीं थे। हालांकि, जावड़ेकर ने स्नातक और सीतारमण ने जेएनयू से एमफिल की है। पीएम मोदी की कैबिनेट का हिस्सा रहीं उमा भारती उस कैबिनेट की सबसे कम पढ़ी लिखी मंत्री थीं। उमा ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं पास घोषित की थी।
2014 में कितने पढ़े-लिखे थे मोदी सरकार के मंत्री
शैक्षिक योग्यता |
मंत्रियों की संख्या |
5वीं पास |
1 |
10वीं पास |
5 |
12वीं पास |
2 |
स्नातक |
7 |
स्नातक पेशेवर |
17 |
परास्नातक |
10 |
पीएचडी |
3 |
अन्य |
1 |
कुल |
46 |
सिर्फ चार मंत्रियों को छोड़कर सभी थे करोड़पति
2014 में नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट में शामिल 46 में से 42 मंत्री करोड़पति थे। कैबिनेट की औसत संपत्ति 13 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। मोदी की पहली कैबिनेट में शामिल पांच मंत्रियों ने अपनी संपत्ति 30 करोड़ रुपये से भी ज्यादा घोषित की थी। उस कैबिनेट में अरुण जेटली सबसे अमीर मंत्री थे। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 113.02 करोड़ रुपये बताई थी। वहीं, चार मंत्रियों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से भी कम बताई थी। इन मंत्रियों में मनसुख भाई वसावा, थावरचंद गहलोत, सुदर्शन भगत और रामविलास पासवान शामिल थे। मनसुख वसावा सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री थे। उन्होंने कुल 65.71 लाख की संपत्ति घोषित की थी।
पहली मोदी कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री
मंत्री |
संपत्ति (2014 के हलफनामे के मुताबिक) |
अरुण जेटली |
113 करोड़ |
हरसिमरत कौर बादल |
108 करोड़ |
गोपीनाथ मुंडे |
38 करोड़ |
मेनका गांधी |
37.41 करोड़ |
पीयूष गोयल |
30.34 करोड़ |
60 साल थी 2014 में शपथ लेने वाली मोदी कैबिनेट की औसत उम्र
2014 में प्रधानमंत्री और उनके 45 मंत्रियों की उस वक्त की औसत उम्र 60 साल थी। उस वक्त शपथ लेने वाले मंत्रियों में स्मृति ईरानी सबसे युवा मंत्री थीं। तब उनकी उम्र 38 साल थी। वहीं, नजमा हेपतुल्ला सबसे उम्रदराज मंत्री थीं। उस वक्त उनकी उम्र 74 साल थी।
60 साल थी पहली मोदी कैबिनेट की औसत उम्र
आयु वर्ग |
मंत्री |
31-40 |
1 |
41-50 |
8 |
51-60 |
16 |
61-70 |
17 |
71-80 |
1 |
2019 में नरेंद्र मोदी ने इन साथियों के साथ ली थी शपथ
30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। नरेंद्र मोदी समेत कुल 58 मंत्रियों ने भी इस दिन शपथ ली थी। इनमें से 25 कैबिनेट और नौ स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और 24 राज्य मंत्री शामिल थे।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 2019 के लोकसभा और मौजूदा राज्यसभा के 58 मंत्रियों (प्रधानमंत्री सहित) में से 56 मंत्रियों के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया था। रामविलास पासवान और डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर के विवरण का विश्लेषण नहीं किया गया था क्योंकि वे उस वक्त किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे।
इन मंत्रियों में आठ ने अपने चुनावी हलफनामे में जानकारी दी थी कि वो 12वीं पास या उससे कम पढ़े हैं। वहीं, बाकी 38 ने स्नातक या इससे ज्यादा शैक्षिक योग्यता वाले थे।
2019 में कितने पढ़े-लिखे थे मोदी सरकार के मंत्री
शैक्षिक योग्यता |
मंत्रियों की संख्या |
5वीं पास |
2 |
10वीं पास |
6 |
12वीं पास |
16 |
स्नातक |
16 |
स्नातक पेशेवर |
12 |
परास्नातक |
15 |
पीएचडी |
4 |
अन्य |
1 |
कुल |
56 |
2019 में इतने मंत्री थे करोड़पति
2019 में नरेंद्र मोदी की पहली कैबिनेट में शामिल 56 में से 51 मंत्री करोड़पति थे। कैबिनेट की औसत संपत्ति 14.72 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। मोदी की दूसरी कैबिनेट में शामिल चार मंत्रियों ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये से भी ज्यादा घोषित की थी। उस कैबिनेट में हरसिमरत सबसे अमीर मंत्री थाीं। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 217 करोड़ रुपये बताई थी। वहीं, तीन मंत्रियों ने अपनी संपत्ति 100 करोड़ रुपये से भी कम बताई थी। इन मंत्रियों में पीयूष गोयल, राव इंद्रजीत सिंह और अमित शाह शामिल थे। प्रताप चंद्र सारंगी सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री थे। उन्होंने कुल 13 लाख की संपत्ति घोषित की थी।
दूसरी मोदी कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री
मंत्री |
संपत्ति (2019 के हलफनामे के मुताबिक) |
हरसिमरत कौर बादल |
217 करोड़ |
पीयूष गोयल |
95 करोड़ |
राव इंद्रजीत सिंह |
42 करोड़ |
अमित शाह |
40 करोड़ |
60 साल थी 2019 में शपथ लेने वाली मोदी कैबिनेट की औसत उम्र
दूसरे मंत्रिमंडल की औसत आयु 60 वर्ष थी। 43 वर्ष की आयु में स्मृति ईरानी नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल में सबसे युवा मंत्री थीं। तब उनकी उम्र 43 साल थी। वहीं, भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान 73 वर्ष की उम्र में सबसे उम्रदराज मंत्री थे। उनके बाद थावर चंद गहलोत और संतोष कुमार गंगवार 71 वर्ष के थे।
60 साल थी दूसरी मोदी कैबिनेट की औसत उम्र
आयु वर्ग |
मंत्री |
41-50 |
11 |
51-60 |
17 |
61-70 |
28 |
कुल |
56 |
ऐसी है नरेंद्र मोदी की तीसरी कैबिनेट
9 जून 2024 को नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। नरेंद्र मोदी के साथ कुल 71 अन्य मंत्रियों ने भी इस दिन शपथ ली थी। इनमें से 30 कैबिनेट और पांच स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। मोदी मंत्रिमंडल में सबसे युवा महिला मंत्री रक्षा खडसे हैं। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुईं रक्षा दूसरी सबसे युवा मंत्री हैं। वह 37 साल की हैं। उनसे पहले के. राम मोहन नायडू (36 वर्षीय) सबसे युवा मंत्री हैं। खडसे मात्र 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनी थीं। वह राकांपा के नेता एकनाथ खडसे की बहू हैं। 2024 के आम चुनाव में उन्होंने शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के श्रीराम पाटिल को ढाई लाख से ज्यादा मतों से हराया।
चंद्रशेखर पेम्मासानी ‘मोदी 3.0’ में सबसे अमीर मंत्री
5 हजार 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति वाले चंद्रशेखर पेम्मासानी मोदी 3.0’ में सबसे अमीर मंत्री हैं। पेम्मासानी ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री और संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। संचार मंत्री और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुल 424.75 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। जनता दल (सेक्युलर) से भारी उद्योग मंत्री और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी की कुल संपत्ति 217.23 करोड़ रुपये की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुल 144.12 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की कुल संपत्ति 121.54 करोड़ रुपये है। महाराष्ट्र के मुंबई उत्तर से भाजपा के एक और मंत्री वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 110.95 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। नए मंत्रियों में से करीब 99 फीसदी करोड़पति हैं। विश्लेषण किए गए 71 मंत्रियों में से 70 ने खुद को करोड़पति बताया है। रिपोर्ट बताती है कि मंत्रियों की औसत संपत्ति 107.94 करोड़ रुपये है।
सात मंत्री पीएचडी वाले
नई मंत्रिपरिषद में 71 मंत्रियों में से 11 ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा घोषित की है, जबकि 57 मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है। 15 प्रतिशत मंत्रियों ने अपनी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं कक्षा घोषित की है। रिपोर्ट से पता चलता है कि 57 मंत्री स्नातक स्तर या उससे ऊपर की योग्यता रखते हैं। 14 मंत्रियों ने खुद को स्नातक घोषित किया है। 10 मंत्रियों के पास पेशेवर स्नातक डिग्री है और 26 स्नातकोत्तर डिग्री वाले हैं। इसके अलावा, सात मंत्रियों ने डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है और तीन मंत्री डिप्लोमा धारक हैं।
17 मंत्री 31-50 आयु वर्ग के
एडीआर के अनुसार, 51 से 70 वर्ष की आयु के वरिष्ठ नेताओं की संख्या सबसे अधिक है। नए मंत्रिपरिषद में 71 में से 47 मंत्रियों ने अपनी आयु 51 से 70 वर्ष के बीच घोषित की है। 22 मंत्री 51 से 60 वर्ष की आयु, 25 मंत्री 61 से 70 वर्ष की आयु और 17 मंत्री 31 से 50 वर्ष की आयु के हैं।
28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले
तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के 28 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। दो मंत्रियों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं। पांच मंत्रियों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले हैं। इसके अतिरिक्त, एडीआर ने कहा है कि नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले आठ मंत्री हैं।