नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) स्नातक (यूजी) परीक्षा 2024 विवाद से संबंधित देशभर के हाईकोर्ट में दायर सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए वह जल्द ही याचिका दायर करेगा। एनटीए ने हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क रखते हुए कहा कि इससे अलग-अलग फैसलों की संभावना से बचा जा सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि एनटीए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थानांतरण याचिका दायर करेगा। मेहता ने न्यायालय को बताया कि नीट यूजी परीक्षाओं से संबंधित याचिकाएं देश के कई हाईकोर्ट के समक्ष दायर की गई हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हाईकोर्ट की ओर से कोई परस्पर विरोधी विचार न हों, एनटीए सुप्रीम कोर्ट से ऐसे सभी मामलों की सुनवाई करने का अनुरोध करेगा। हाईकोर्ट ने नीट यूजी 2024 में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर एनटीए का रुख पूछा है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नीट यूजी विवाद को मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: पहला नीट यूजी प्रश्नपत्रों के कथित लीक से संबंधित याचिकाएं। दूसरा ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ याचिकाएं और तीसरा एक प्रश्न के लिए कई विकल्प सही होने की बात कहने वाली याचिकाएं। एसजी मेहता ने नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर विवाद से संबंधित याचिकाओं के एक समूह में प्रस्तुतियां दीं। प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, हाईकोर्ट ने बयान को रिकॉर्ड पर लिया और एनटीए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ताओं ने पीठ को बताया कि मामला जुलाई में सूचीबद्ध किया जा सकता है और यदि एनटीए इन मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने के लिए याचिका दायर नहीं करता है, तो याचिकाकर्ता कदम उठाएंगे। अदालत ने अनुरोध को स्वीकार कर लिया और मामले को 5 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अदालत ने नीट काउंसलिंग पर रोक लगाने से भी इन्कार कर दिया।