नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के बाद प्याज की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। पिछले एक हफ्ते में प्याज के भाव 50 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए। सरकार पहले से ही प्याज की कीमतों को लेकर परेशान थी। प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने दिसंबर 2023 में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, इस वित्त वर्ष की शुरुआत में ही सरकार ने प्रतिबंध हटा दिया। अब रिटेल मार्केट में प्याज की कीमतों में एक बार फिर से आए उछाल ने आम जनता के साथ सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। गौरतलब है कि प्याज की कीमतों में तो तेजी आ ही रही है। वहीं आलू के भाव भी बढ़ रहे हैं। गर्मी के सीजन में हरी सब्जियों के साथ आलू-प्याज की कीमतों में हो रहा इजाफा आम जनता के लिए मुसीबत ला रहा है। एक हफ्ते में प्याज 50 फीसदी तक महंगा हो गया है। 2 जून 2024 को रिटेल मार्केट में प्याज की कीमत 25 से 30 रुपये प्रति किलो थी। जो 9 जून को बढ़कर 35 से 40 रुपये प्रति किलो हो गई है।11 जून को प्याज की कीमत 50 रुपये प्रति किलो हो गई है। ऐसे में सब्जी विक्रेता का कहना है कि जब मंडी में प्याज महंगा है तो खुदरा बाजार में इनके दाम तो और ज्यादा होंगे ही। देश की सबसे बड़ी मंडी नासिक की लासलगांव मंडी में 25 मई को प्याज के दाम 17 रुपये प्रति किलोग्राम था जिसकी अभी कीमत 25 रुपये हो गई है। वहीं, सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले प्याज के दाम 30 रुपये के पार पहुंच गए हैं। ऐसे में जाहिर है कि नासिक मंडी से दिल्ली आते-आते प्रति किलो प्याज के दाम में 5-7 रुपये का खर्च और जुड़ जाएगा। वहीं जून के शुरुआत में आलू के भाव 20-25 रुपये प्रति किलो था जो अब 35 से 40 रुपये किलो हो गया है। 17 जून को बकरा ईद है। ऐसे में त्योहार के दौरान प्याज की मांग वैसे ही बढ़ जाती है।