माता काली का एक ऐसा मंदिर है जो अपने आप में अद्भुत है. कहा जाता है कि जैसे ही कोई भक्त मंदिर में प्रवेश करता है, तो उसे एक अजीब सा एहसास होता है. मानो कि कोई शक्ति उसके आसपास है. यह भी कहा जाता है कि यहां आते ही मां काली उसके सारे संकट समाप्त कर देती हैं. सोनभद्र जिला मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित रामगढ़ में ऐतिहासिक काली माता का मंदिर है. इस मंदिर अपने आप में चमत्कार है. कहा जाता है कि यहां पर प्रवेश करने मात्र से ही श्रद्धालुओं को अलौकिक शक्ति की अनुभूति होती है. यह मंदिर कई दशक पुराना बताया जाता है.
मंदिर के प्रधान पुजारी ने कहा कि यहां पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और जो भी मन्नत मांगते हैं उनकी मन्नत मां काली पूरी कर देती है. इस मंदिर परिसर में एक ही जगह एक बेल और एक नीम का पेड़ है. मान्यता है कि जो भी भक्त इस काली माता मंदिर में आता हैं और वह इस बेल और नीम का पत्ता तोड़कर मां काली के पैरों में चढ़ा देता है और एक नारियल इस पेड़ में बांधकर अपनी मन्नत मांगता है, तो उसकी मन्नत मां काली पूरी कर देती है. साथ ही उसके घर परिवार पर जो भी बाधा होती है, वह मां काली की कृपा से दूर हो जाती है.
हमने मंदिर के प्रधान पुजारी अशोक कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि हर नवरात्रि में यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मां काली के दर्शन पूजन करते हैं और मां काली का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसके साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुक्ता इंतजाम किए जाते हैं. ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी तरह की कोई असुविधा न हो. पुजारी द्वारा यह भी बताया गया कि एक भक्त यहां आए और उन्होंने बताया की घर की माली हालत उनकी ठीक नहीं है और वह परेशानियों से घिरे हुए हैं, साथ ही उनका पूरा परिवार कई रोगों से ग्रसित था. तब उन्होंने मां काली मंदिर पहुंचकर मां का पूजन अर्चन करना शुरू किया. जिसके बाद मां के दरबार में अपनी अर्जी लगाई और मां के आशीर्वाद से उनके जिंदगी में बदलाव शुरू हो गया. आज पूरा परिवार सुखमय जीवन जी रहा है. इस मंदिर में कई प्रांतों से भक्त अपनी समस्या लेकर मां के दरबार में आते हैं और सच्चे मन से जो भी मां से विनती करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है.