कनाडा की संसद में मंगलवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार के खिलाफ एक विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया गया।
इस प्रस्ताव को ट्रूडो के मुख्य प्रतिद्वंदी, कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे ने संसद में पेश किया। यह ट्रूडो की सरकार के लिए एक बड़ा टेस्ट माना जा रहा है।
बुधवार को इस प्रस्ताव पर मतदान होने की संभावना है, हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रस्ताव सफल नहीं होगा, क्योंकि छोटे दलों ने पहले ही ट्रूडो सरकार का समर्थन करने का संकेत दिया है।
पोलीवरे का आरोप: बढ़ती महंगाई और अपराध से जनता त्रस्त
पोलीवरे ने संसद में बहस की शुरुआत करते हुए ट्रूडो पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जीवनयापन की लागत, आवास संकट और अपराध को नियंत्रित करने में असफल रही है, जबकि राष्ट्रीय कर्ज को दोगुना कर दिया है।
उन्होंने कहा कि “नौ वर्षों की लिबरल सरकार के बाद, कनाडा का वादा टूट चुका है।” पोलीवरे ने कहा कि अगर उन्हें सत्ता में आने का मौका मिला तो वह कार्बन टैक्स हटा देंगे। इसके अलावा, आवास निर्माण को बढ़ावा देने, बजट को ठीक करने और अपराध पर अंकुश लगाने का वादा किया।
ट्रूडो का जवाब: कठिन समय है, पर लड़ाई जारी रहेगी
सोमवार को ‘द लेट शो विद स्टीफन कोलबर्ट’ में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने स्वीकार किया कि कनाडाई “वास्तव में कठिन समय” का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “लोगों को किराना, किराया और पेट्रोल भरने में दिक्कत हो रही है। वे बदलाव की ओर देख रहे हैं।” लेकिन उन्होंने यह भी वादा किया कि वह “लड़ाई जारी रखेंगे।”
सरकार पर नहीं होगा तत्काल खतरा
कनाडा की संसद में लिबरल सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव के सफल होने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि दो छोटे राजनीतिक दल पहले ही ट्रूडो सरकार का समर्थन करने का संकेत दे चुके हैं। ये दल प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करेंगे।
हालांकि, कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे ने सरकार गिराने की कोशिश जारी रखने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर की शुरुआत में उनके पास सरकार को चुनौती देने का एक और मौका होगा।
जस्टिन ट्रूडो 2015 में सत्ता में आए थे और 2019 और 2021 के चुनावों में पोलीवरे के दो पूर्ववर्तियों को हराकर सत्ता में बने रहे। लिबरल्स ने न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के साथ एक समझौता किया था, जिसके तहत उनकी सरकार 2025 के अंत तक सत्ता में बनी रह सकती थी।
हालांकि, एनडीपी ने महसूस किया कि लिबरल्स के साथ गठबंधन उसकी खुद की लोकप्रियता को नुकसान पहुंचा रहा है, जिसके कारण उसने इस समझौते को पहले ही खत्म कर दिया।
हालिया एंगस रीड पोल के अनुसार, कंजरवेटिव पार्टी 43 प्रतिशत मतदाताओं के समर्थन के साथ लिबरल्स से काफी आगे है, जबकि लिबरल पार्टी को 21 प्रतिशत और एनडीपी को 19 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है।
कनाडा की वेस्टमिंस्टर संसदीय प्रणाली में, सत्तारूढ़ दल को हाउस ऑफ कॉमन्स का विश्वास प्राप्त करना आवश्यक है, जिसका मतलब है कि उसे बहुमत के सदस्यों का समर्थन बनाए रखना चाहिए।
वर्तमान में लिबरल्स के पास 153 सीटें हैं, जबकि कंजरवेटिव्स के पास 119, ब्लॉक क्यूबेक्वा के पास 33 और एनडीपी के पास 25 सीटें हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव की संभावना कम से कम 2025 के वसंत तक नहीं बनेगी।
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