तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में कथित रूप से पशुओं की चर्बी मिलाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी समेत तीन लोगों की याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. भाजपा नेता के अलावा, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार 30 सितंबर को सुनवाई करेगा.
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की मांग की है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने आरोप लगाया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर के प्रसाद में पशुओं के मांस और अन्य सड़े हुए पदार्थों की मिलावट की गई है. जबकि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज के अधीन स्वतंत्र जांच समिति (SIT) बनाकर इन आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की है.
दो जजों की बेंच तीनों याचिकाओं पर करेगी सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच भाजपा नेता स्वामी समेत तीनों याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. हिन्दू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस पूरे मामले की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है. इससे पहले इसी मामले पर एक वकील सत्यम सिंह राजपूत ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को एक चिट्ठी भेजी थी.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया था दावा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नाडयू ने दावा किया था कि प्रदेश की पूर्व जगन मोहन रेड्डी सरकार के कार्यकाल में तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर की ओर से जो ‘प्रसाद’ दिया जा रहा था, उनमें जानवरों की चर्बी का यूज किया गया था. चंद्रबाबू नाडयू के आरोपों के बाद से जगन मोहन रेड्डी और उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पर राजनीतिक दल हमलावर हैं.
मुख्यमंत्री के आरोपों के बाद आंध्र प्रदेश की सरकार ने गुजरात की एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि लड्डूओं को बनाने में जिस घी का यूज किया गया था, उसमें बीफ, फिश ऑयल और सुअर की चर्बी को मिलाया गया था.